नहीं रहे पगला बाबा , भक्तों में शोक की लहर
लखनऊ, 14 अप्रैल= बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक चर्चा में रहे मिर्जापुर जनपद के विन्ध्याचल स्थित अमरावती आश्रम निवासी विभूति नारायण उर्फ पगला बाबा की सांसें थम गयी है। इसके साथ ही उनके हजारों भक्तों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।
डॉ. अंबेडकर की जयंती पर राष्ट्रपति और PM सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
गुरुवार को दोपहर बाद से विन्ध्याचल के अमरावती आश्रम में पगला बाबा के भक्तों में अफरातफरी का माहौल देखा गया। दोपहर बाद भक्तों ने पगला बाबा को स्थानीय चिकित्सालय में चिकित्सकों को दिखाया। इसके बाद पुन: शाम तक आश्रम में लौट आये। चिकित्सकों के उन्हें मृत कहने के बाद भी देर रात्रि तक बाबा के भक्त इस आस में बैठे रहे कि अचानक से वह उठ बैठेंगे और सभी से बातचीत करेंगे। शुकव्रार को सुबह आश्रम के निकट रहने वालों ने भक्तों को पगला बाबा के ब्रह्मलीन होने की बात को स्वीकार करने और उनके अंतिम यात्रा की तैयारी में लगने को कहा, इसके बाद आश्रम सहित आसपास के इलाके में शोक की लहर दौड़ गयी।
लालू प्रसाद यादव पगला बाबा से लेते सलाह
बिहार की सियासत में गुरू लालू प्रसाद यादव ने पगला बाबा को ही अपना गुरू बनाया था। लालू अक्सर बाबा से वार्ता करते रहे। वर्ष 2011 में विंध्याचल मंदिर में दर्शन पूजन को आये बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अचानक से पगला बाबा के आश्रम पहुंचे थे और उनसे आशीर्वाद लेने और साधना करने के बाद वहां से गये। इसके बाद लालू यादव के बाबा से राजनीतिक उलटफेर पर बाबा से फोन पर चर्चा करते हुये पाया जाता रहा।