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नक्सलियों के सवा करोड़ हुए जब्त : कल्लूरी

जगदलपुर, 29 दिसम्बर =  पुलिस अधिकारियों ने गुरूवार को मिशन 2016 की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकार की नोटबंदी से निश्चित ही नक्सलियों के पैर कट चुके हैं। अब तक पुलिस द्वारा कुल एक करोड़ बीस लाख से अधिक रूपयों की बरामदगी की गई है। मिशन 2016 की उपलब्धियों गिनाते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही मिशन 2017 की शुरूआत आक्रामक ढंग से की जाएगी।

बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी एवं एसपी आनएन दाश ने संवादाताओं से बातचीत में बताया कि नक्सली प्रतिवर्ष कुल 1100 करोड़ की वसूली ठेकेदारों, ग्रामीणों व अन्य संसाधनों से करते हैं। इन पैसों को उनके एनजीओ व अन्य संस्थाएं जो कि दिल्ली, मुंबई व अन्य शहरों में चल रहे हैं, उनमें प्रयोग किया जाता है। इन पैसों का कुछ हिस्सा नक्सली समर्थकों के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के चलते नक्सलियों के शहरी नेटवर्क पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का हिस्सा बने हैदराबाद के दो हाईकोर्ट वकीलों और प्रोफेसर के साथ सुकमा पुलिस ने कल सात लोगों पर छत्तीसगढ़ जनसुरक्षा कानून का फंदा डाल दिया है।

शालिनी गेरा मामले का खुलासा करते हुये अधिकारियों ने बताया कि शालिनी गेरा सहित अन्य कुछ लोग आधार कार्ड बनाने के नाम पर पालनार व मटनार पंचायत भवन व स्कूल को बगैर किसी अनुमति के खुलवाते थे, उसके पश्चात ग्रामीणों के बीच नक्सली समर्थक बातें करते व सरकार के नोटबंदी का विरोध व सरकार विरोधी बैठकें आयोजित करते थे। इस बात की लिखित शिकायत विनोद पाण्डे ने पालनार थाने में की है। बैठकें आयोजित करने के पश्चात शालिनी गेरा व उसकी टीम उसी दिन शाम को नक्सली कमाण्डर आयतू से मिलकर लगभग 10 लाख रूपये के पुराने नोटों को जगदलपुर लाकर एक धर्मशाला के कमरा नंबर 203 में रूके व इसके पश्चात 30 प्रतिशत कमीशन पर दो युवकों के माध्यम से जो की लाल रंग की पल्सर बाईक में आये थे, उनको दिया गया। उन्होंने बताया कि फिलहाल लिखित शिकायत के आधार पर खोजबीन व वैधानिक कार्रवाई की जा रही है, बहुत ही जल्द एफआईआर कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाई भी की जाएगी।

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