हरिद्वार, 17 जुलाई : भगवान शिव की ससुराल कहे जाने वाली उपनगरी कनखल में भगवान दक्षेश्वर महोदव मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ा है। मान्यता है कि दक्षेश्वर महोदव मंदिर में स्थापित शिवलिंग पृथ्वी का सर्वप्रथम शिवलिंग है। कहा जाता है कि ब्रह्मा के पुत्र राजा दक्ष ने यहां यज्ञ करवाया था और उसमें भगवान शिव को छोड़कर सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया था।
अपने पति भगवान शिव से हटकर माता पार्वती बिना बुलाए अपने पिता के यज्ञ आयोजन में पहुंची थी। वहां पर अपने पति का अपमान देखकर उन्होंने अपने पति राजा दक्ष को फटकार लगाई और योगाग्नि से अपने शरीर को भस्म कर लिया। इसके पश्चात भगवान शिव के अंश जो भगवान शिव के समान ही बलशाली था, ने राजा दक्ष के यज्ञ को विध्वंस कर दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया।
देवताओं और राजा दक्ष की पत्नि मैना के द्वारा प्रार्थना करने से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने राजा दक्ष को बकरे का सिर लगाकर जीवन दान दिया था। तब भगवान की राजा दक्ष द्वारा स्तुति करने से प्रसन्न होकर भगवान ने उसे आशीर्वाद दिया था कि मैं इस स्थान पर आज से विराजमान रहूंगा तथा नाम तेरा होगा और पूजा मेरी की जाएगी। तभी से यहां भगवान शिव की पूजा होती है और भगवान शिव को राजा दक्ष के नाम से पुकारा जाता है। भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया था कि श्रावण मास में मैं यहां सम्पूर्ण मास विराजमान रहूंगा।