धन कुबेर निकला सिंचाई विभाग का इंजीनियर
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मेरठ, = प्रदेश के सिंचाई विभाग में तैनात अधिशासी अभियंता आरके जैन के यहां छापा मारने के बाद आयकर विभाग को बड़े धन का भंडार निकला। इंजीनियर के बैंक लाॅकर और घरों में करोड़ों रुपए का माल मिला। अब इनकम टैक्स विभाग इंजीनियर के दूसरे बैंक लाॅकर खंगालने की तैयारी में जुटा है। उसके परिजनों के बैंक अकाउंट और लाॅकर भी खंगाले जा रहे हैं।
मेरठ खंड गंग नहर में तैनात अधिशासी अभियंता आरके जैन के बाउंड्री रोड स्थित आवास पर 19 दिसंबर को आयकर विभाग ने छापा मारकर करोड़ों रुपए की नकदी बरामद की थी। इसमें 17 लाख की नई करेंसी और पांच लाख की पुरानी करेंसी थी। इसके बाद उसके सिंडिकेट बैंक के लाॅकर से दो करोड़ 67 लाख रुपए और 30 किलो चांदी बरामद हुई थी। मेरठ में 29 सितम्बर 2014 को अपनी तैनाती के बाद से ही इंजीनियर आरके जैन शहर की 343 करोड़ की महत्वपूर्ण गंगाजल पेयजल योजना से जुड़े हुए थे। इस योजना में भोला झाल से शहर तक पाइप लाइन बिछाई गई थी। यह परियोजना अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। नगर निगम के साथ ही सिंचाई विभाग ने भी इस परियोजना में मोटा पैसा लगाया था।
आयकर विभाग ने आरके जैन का गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित घर को भी खंगाला। बताया जाता है कि आयकर अधिकारियों को वहां से भी बहुत मोटी संपत्ति मिली। आयकर विभाग की निगाह इंजीनियर की पत्नी और बेटे के बैंक अकाउंटों पर भी है। जल्दी ही उन पर भी छापेमारी हो सकती है। इंजीनियर के बैंक अकाउंट मेरठ के ओवरसीज बैंक में भी बताए जाते हैं। वहां पर भी आयकर विभाग छापे मारेगा।
मेरठ खंड गंग नहर में अधिशासी अभियंता को शासन ने दूसरी जगह पर तैनात कर दिया। इसे लेकर आरके जैन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो वहां से एक्सईएन को मेरठ खंड गंग नहर के कार्यालय में बैठने की अनुमति मिल गई। यह अनुमति करीब 15 दिन पहले ही मिली थी। आरके जैन का रिटायरमेंट 31 जनवरी 2017 को है।