देश में एक हजार पेशेंट के इलाज के लिए उपलब्ध हैं केवल एक डॉक्टर !
नई दिल्ली,21 जुलाई : भारत में स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति को इस बात से ही समझा जा सकता है इस विशाल जनसंख्या वाले देश में एक हजार आबादी पर इलाज के लिए महज एक डॉक्टर उपलब्ध है। केन्द्र सरकार ने स्वयं यह माना है कि देश में आबादी के हिसाब से डॉक्टरों की उपल्बधता काफी कम है। यहां एक हजार की आबादी पर एक डॉक्टर उपलब्ध है।
शुक्रवार को लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, इस साल 31 मार्च तक राज्य चिकित्सा परिषद या भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीकृत कुल 10,22,859 एलोपैथिक डॉक्टर थे।
भारत में प्रत्येक 1000 आबादी के लिए एक से कम डॉक्टर हैं जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक से कम है। लोकसभा में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए अनूप्रिया पटेल ने कहा कि भारत की चिकित्सा परिषद द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 31 मार्च तक राज्य चिकित्सा परिषद या भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीकृत कुल 10,22,85 9 एलोपैथिक डॉक्टर थे।
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उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक कुल पंजीकृत चिकित्सकों की संख्या का 80 प्रतिशत ही सक्रिय हैं। यानि लगभग 8.18 लाख डॉक्टर सक्रिय सेवा के लिए उपलब्ध हैं। प्रश्नोत्तर काल के दौरान उन्होंने कहा कि यह वर्तमान आबादी के अनुसार 0.62: 1000 की एक डॉक्टर-आबादी का अनुपात है जो लगभग 1.33 अरब है।
मंत्री ने कहा कि सरकार इस बात का पूरा प्रयास कर रही है कि आबादी के अनुपात में डॉक्टरों की उपल्बधता मे सुधार हो और देश में डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि हो। इसके लिए पिछले तीन वर्षों में देश में मौजूद 479 मेडिकल कॉलेजों में 12,870 एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई गई हैं। पहले यह संख्या 67,218 थीं।