देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति बने रामनाथ कोबिंद
नई दिल्ली, 20 जुलाई : रामनाथ कोविंद के रूप में देश को 14वां राष्ट्रपति मिल गया। उन्होंने विपक्ष की साझा उम्मीदवार मीरा कुमार को सीधे मुकाबले में पराजित किया है। कोविंद को 7,02,044 मत मिले हैं जबकि मीरा कुमार को 3,67,314 मत मिले।
कोविंद देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वह देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति बन गए हैं। उनसे पहले केआर नारायणन पहले दलित राष्ट्रपति बने थे।
राम नाथ कोविन्द का जन्म 1 अक्टूबर 1945 उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख के गरीब परिवार में में हुआ था। उनेक पिता परचून की दुकान चलाते थे। कोविन्द का सम्बन्ध कोरी या कोली जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत प्रारम्भ की। वह 1977 से 1979 तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति हुई। वर्ष 1991 में वह भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये। वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। कोविंद वर्ष 2000 में पुनः उत्तर प्रदेश राज्य से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार 12 वर्ष तक राज्यसभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे।
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वह भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज के भी अध्यक्ष रहे। वर्ष 1986 में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्यूरो के महामंत्री भी रहे।
कोविंद तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। परौंख गांव में कोविंद अपना पैतृक मकान बारातशाला के रूप में दान कर चुके हैं। बड़े भाई प्यारेलाल व छोटे स्वर्गीय शिवबालक राम हैं।