दीपक मिश्र बने देश के 45वें मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री ने दी बधाई
नई दिल्ली, 28 अगस्त : न्यायाधीश दीपक मिश्र ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। इसके साथ ही वह देश के 45वें मुख्य न्यायाधीश बन गए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में मिश्र को मुख्य न्यायाधीश पद की गोपनीयता की शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिश्र को मुख्य न्यायाधीश बनने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि वह मुख्य न्यायाधीश को उनके बेहतर और फलदायी कार्यकाल की शुभकामना देते हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में रामनाथ कोविंद ने दीपक मिश्र को मुख्य न्यायाधीश पद के गोपनीयता की शपथ दिलाई। 64 वर्षीय मिश्र ने अंग्रेजी में ईश्वर के नाम पर शपथ ली। उन्होंने पूर्व मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर की जगह ली है जो बीते कल सेवानिवृत्त हुए। दीपक मिश्र का कार्यकाल अक्टूबर 2018 तक रहेगा।
न्यायाधीश मिश्र ने देश को हिला देने वाले 16 दिसंबर के निर्भया कांड के अभियुक्तों को फांसी की सजा देने वाली 4 सदस्यीय पीठ में शामिल रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने सिनेमा घरों में राष्ट्रीय गान को बजाने को अनिवार्य बनाने का भी फैसला दिया था।
वर्ष 2011 में सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनने से पूर्व दीपक मिश्र दिल्ली व पटना उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। वर्तमान में वह कावेरी और कृष्णा जल विवाद मामलों की सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं। जस्टिस मिश्र बीसीसीआई सुधार और सहारा जैसे कई अहम मुकदमों की सुनवाई में भी भागीदार रहे हैं।
मिश्र के शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत केंद्रीय़ मंत्रिमंडल के कई सदस्य व राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद समेत कई गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे।