‘दलित नेता’ को निशाना बनाया जा रहा है : जिग्नेश मेवाणी
नई दिल्ली, 05 जनवरी (हि.स.)। गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने पुणे-कोरेगांव जातीय हिंसा मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को बेबुनियाद बताते हुए इसके पीछे आरएसएस-भाजपा का हाथ बताया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही एक ‘दलित नेता’ को निशाना बनाया गया तो 2019 में मोदी सरकार की वापसी मुश्किल होगी।
मेवाणी का कहा, ‘‘मैं कोरेगांव नहीं गया। न ही मैंने कोई भड़काऊ भाषण दिया और न ही मैंने बंद में भाग लिया।’’ खुद को दलित नेता बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें संघ व भाजपा के लोग निशाना बना रहे हैं। एक ‘दलित विधायक’ के साथ ऐसा व्यवहार ठीक नहीं है। उनकी राजनीति के चलते ही भाजपा का 150 सीटें पाने से जुड़ा ‘घमंड’ टूट गया।
दिल्ली में एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि उनकी ओर से 9 जनवरी को दिल्ली में एक युवा हुंकार रैली आयोजित की जाएगी जिसमें असम के किसान नेता व आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई और देश के अन्य युवा नेता उनके साथ होंगे।
उल्लेखनीय है कि पुणे में भीमा-कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा के मामले में जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू छात्र उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुणे के दक्कन पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक दोनों ने भड़काऊ भाषण दिए थे जिसके चलते कार्यक्रम के दौरान दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ा और हिंसा हुई।