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… तो यह हाल है अमेठी में शिक्षा का, दांव पर लगा छात्रों का भविष्य

अमेठी, 07 सितम्बर : अमेठी में प्राइमरी शिक्षा के ऊंचे ख्वाब देख रखे हैं तो उसे भूल जाइए| दरअसल यहां दिव्यांग शिक्षक के हाथ में छात्रों का भविष्य है। शिक्षक ऐसा कि जो छात्रों से कहता है 1 हज़ार रुपए मुझसे ले लो और 15 दिन स्कूल मत आओ। ये आरोप है अमेठी के ताला ग्राम प्राइमरी स्कूल के बच्चों का। 

गौरतलब रहे कि अमेठी तहसील के ताला ग्राम प्राइमरी स्कूल में 1 हेड मास्टर और 1 दिव्यांग (नेत्र विहीन) शिक्षक के भरोसे छात्रों की शिक्षा का दारोमदार है। प्रधानाध्यापक जितेंद्र त्रिपाठी की मानें तो वो स्कूल में अकेले हैं। छात्रों के पढ़ाने से लेकर रजिस्ट्रर तैयार करना और इसके अलावा दूसरे सरकारी काम उनके कंधों पर है। उनके अनुसार वो छात्रों को पढ़ाते भी हैं, लेकिन वो कहते हैं कि एक शिक्षक 5 कक्षाओं के बच्चों को कैसे पढ़ायेगा? बात भी कुछ हद तक जायज़ है। वहीं हेड मास्टर श्री त्रिपाठी ने बताया कि दिव्यांग शिक्षक का आलम ये है कि आएंगे स्कूल तो छात्रों को पढ़ाएंगे नहीं, अगर पढ़ाने लग भी गए तो छात्रों को कहानी के प्रारूप में पढ़ाएंगे। इससे छात्रों को कुछ समझ में ही नहीं आता है, वो इसलिए के ये छात्र कोई बड़ी कक्षा के तो हैं नहीं। छोटी कक्षा के छात्र हैं जिनको हाथ पकड़ा कर लिखाना-पढ़ाना पड़ता है। इसका असर ये हुआ कि पहले इस स्कूल में क़रीब 90 छात्र थे लेकिन मौजूदा समय में ये गिनती 60 पर पहुंच गई है। 

ये दर्द और बातें तो हेड मास्टर की थीं, छात्रों की जुबानी तो इससे भी कहीं ज़्यादा चौंकाने वाली है। छात्र तो खुले तौर पर बोलते हैं कि छोटे सर पढ़ाते ही नहीं, बल्कि दिन भर गाना सुनते रहते हैं और जब बच्चे पढ़ाने की बात की जाती है तो मारने लगते हैं। इससे छात्र इनके क़रीब जाने से कतराते हैं। कुछ छात्रों ने तो यहाँ तक आरोप लगाया है कि छोटे सर कहते हैं 1 हज़ार रुपए हमसे ले लो और 15 दिन स्कूल मत आना।

बीएसए से बात कर दूसरे शिक्षक की होगी तैनातीःडीएम

इस पूरे मामले में जब डीएम योगेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी हुई है|मैं इस बारे में बीएसए से बात कर के दिव्यांग शिक्षक को वहाँ से हटा कर दूसरी जगह भेज दूंगा और वहाँ दूसरे शिक्षक की नियुक्ति करवा दी जायेगी।

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