तेजस्वी-राहुल गांधी की हुई मुलाकात, करीब 40 मिनट तक हुई कई मुद्दों पर बातचीत
पटना (ईएमएस)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नईदिल्ली में मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब 40 मिनट तक कई मुद्दों पर बातचीत हुई, जिसमें बिहार के सियासी हालात एवं महागठबंधन के सामने आने वाली चुनौतियां शामिल हैं। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी के जनता से किए गए वादों को मुद्दा बनाने पर सहमति जताई। कर्नाटक में कांग्रेस-जदएस सरकार के शपथ समारोह में शिरकत करने के बाद दोनों नेताओं की पहली मुलाकात है।
पिछले महीने दिल्ली स्थित एम्स में इलाज करा रहे लालू प्रसाद से राहुल ने मुलाकात की थी, जिसके बाद दोनों के सियासी संबंधों पर जारी चर्चाओं पर विराम लग गया था। दोनों नेताओं की मुलाकात में मिशन-2019 पर मुख्य फोकस किया गया। प्रचार की रणनीति, प्रत्याशियों का चयन, कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, सियासी एजेंडे एवं केंद्र सरकार के चार वर्षों के कार्यकाल के बारे में विस्तार से विमर्श हुआ। दोनों नेता केंद्र सरकार के कार्यों के खिलाफ बिहार में संयुक्त अभियान चलाने के लिए सहमत थे।
यह भी तय हुआ कि जल्द ही दोनों की दूसरी मुलाकात भी होगी। मुलाकात के बाद तेजस्वी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन के तीनों दल एकजुट हैं और सीटों के मुद्दे पर राजग के घटक दलों की तरह कोई विवाद नहीं है। महागठबंधन को एकजुट करके बिहार में भाजपा-जदयू को शिकस्त देना है। बिहार में उपचुनावों में महागठबंधन की जीत के बारे में भी तेजस्वी ने राहुल को बताया और आग्र्रह किया कि इस माहौल को बनाए रखने की जरूरत है। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि हम यहां सरकार बनाने के लिए नहीं मिले हैं, बल्कि इस सरकार से निराश हो चुके लोगों को जीवन को बदलना है। हमारे एक साथ आने का मकसद संवधिान, धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्य और समाजिक न्याय के लक्ष्यों को बचाना है।
हम लड़ेंगे और जीतेंगे भी। तेजस्वी ने एक और ट्वीट कर लिखा कि राहुल गांधी के साथ यह बैठक काफी महत्वपूर्ण रही। हम देश के अंदर इस सरकार द्वारा पैदा किये गए भय के माहौल से किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीबों को बाहर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मालूम हो कि राजद-कांग्रेस और हम के नेता ईद के बाद सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर विमर्श करने वाले हैं, ताकि आगामी चुनाव में भाजपा गठबंधन को मात दी जा सके।