तीन तलाक़ पर पाबंदी के बाद अब मुस्लिम महिलाएं अब इस पर लगाना चाहती हैं प्रतिबंध
पटना, सनाउल हक़ चंचल
पिछले कई महीनों से तीन तलाक के लेकर चले घमासान के बाद आखिरकार संसद में इसे लेकर विधायक पारित हो गया है। सरकार के इस कदम कि मुस्लिम महिलाओं ने इस कदम की तारीफ की। ये वो महिलाएं है जो इस चलन के खिलाफ अदालती लड़ाई में शामिल रही हैं।
इन महिलाओं का ये भी कहना है कि सरकार को बहुविवाह पर पाबंदी लगानी चाहिए थी। उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक पारित होने से “एक नई शुरूआत हुई है” और यह पतियों की ओर से अपनी पत्नियों को एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) कहने से रोकेगा।
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महिलाओं का कहना है कि सरकार को मुस्लिम पुरूषों में बहुविवाह की प्रथा को भी प्रतिबंधित करना चाहिए था क्योंकि यो तीन तलाक से भी ज्यादा बदतर है। उच्चतम न्यायालय में चली लड़ाई से जुड़ी एक वकील फराह फैज रिजवाना और राजिया को इस बात का सुकून है कि मौजूदा एनडीए सरकार ने कम से कम ‘एक शुरूआत’ तो की है।
फैज ने आगे कहा कि एक नई शुरूआत हुई है जिससे निकाह हलाला की अनैतिक प्रथा से मुस्लिम महिलाओं का संरक्षण हो सकेगा। बहुविवाह की पीड़िता 33 साल की रिजवाना ने कहा मैं इस कदम का स्वागत करती हूं लेकिन अब अब पुरुष इस कदम का अनुचित फायदा उठाएंगे और खुलेआम बहुविवाह करेंगे, क्योंकि यह तो अब भी चलन में है। बहुविवाह के चलन जारी रहने के साथ हमें कोई फायदा नहीं होने वाला।