तारापुर परमाणु केंद्र के डायरेक्टर और GM पर एक्ट्रोसिटी का मामला दर्ज .
केशव भूमि नेटवर्क – पालघर जिले के तारापुर में स्तिथ तारापुर परमाणु केंद्र (NPCL) के न्यूक्लियर कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया के चेयरमैंन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर के. सी .पुरोहित ,तारापुर अनुकेंद्र 1 से 4 के GM संजय सन्याल पर तारापुर पुलिस स्टेशन में डॉ .श्री रामप्पा की शिकायत पर एक्ट्रोसिटी का मामला दर्ज हुआ है .
तारापुर परमाणु केंद्र में (NPCL) न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड में कार्यरत डॉ. श्री रामप्पा ने अपने ही विभाग में सुचना के अधिकार के तहत जानकारी निकाल कर मेडिकल में करीब 2000 करोड़ का घोटाला होने का दावा किया है . डॉ का कहना है की हमें जीन दावाओ की जरुरत नहीं अधिकारी अपने फायदे के लिए उन दवाओ का उपयोग कर रहे है .जैसे जेनरिक मिडिशिन का इस्तेमाल न करके ब्रांडेड कम्पनी का मेडिशिन का इस्तेमाल किया जा रहा है. जो मेडिशिन दो रूपये में मिलता है. ब्रांडेड कामनी का मेडिशिन दस रूपये में मिलता है..इस प्रकार की दवाओ का धडल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है .जिसके कारण हर साल इसमें बड़े पैमाने पर घोटाला हो रहा और सरकार को कई करोड़ का चुना लगाया जा रहा है . साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया है. की यह दवा कम्पनिया इसके बदले इन अधकारियो को बड़े पैमाने पर कमीशन देती है . इस भ्रष्टाचार के खिलाफ डॉ.पिछले 3 साल से लड़ रहे है . इस भ्रष्टाचार को लेकर वह प्रधान मंत्री कार्यलय ,CBI, बीजेपी के गृहमंत्री राजनाथ सिंह व अन्य वरिष्ठ नेताओ और अधिकारियो को मिला कर इसकी शिकायत भी कर चुके है .लेकिन उसकी लाख कोशिश बाद भी कुछ कार्यवाई नहीं हुयी .उल्टा उन्हें सस्पेंट कर दिया गया ,
जिसके बाद करीब 21 मई को डॉ. श्री रामप्पा हार मानकर दोषी अधिकारियो पर कार्यवाई की मांग को लेकर अपने ही घर में आमरण अनशन पर बैठा थे ,मानव अधिकार मिशन के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अमर सिंह .ननेर पालघर जिला अध्यक्ष संजीव शेट्टी और अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ के दखल के बाद आखिर कार तारापुर पुलिस ने अनसुचित जाति व अनसुचित जमाति अत्याचार कानून 1989 कलम 3 (1 ) ( 8 ) के तहत एक्ट्रोसिटी का मामला दर्ज कर लिया है .
मामला दर्ज होने के बाद इन अधिकारियो पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है .लेकिन पुलिस अधिकारी इन अधिकारियो के पोस्ट को देखते हुए उन्हें गिरफ्तार करने के लिए फुक फुक कर कदम रख रहे है . उनका कहना है अभी जाँच शुरू है जाँच में अगर यह अधिकारी दोषी पाए जाते है तो इन पर क़ानूनी कार्यवाई की जाएगी .मामला दर्ज होने के बाद डॉ .ने अपना अनशन पीछे ले लिया .