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ठंड कम पड़ने से कम आए प्रवासी पक्षी

जयपुर,02 जनवरी=  राजस्थान के कुछ इलाकों में जहां तापमान गिरने के कारण सर्दी बढ़ी है वहीं राज्य के हाड़ौती इलाकों में अभी पारा ज्यादा नहीं गिरा है। इसका असर हाड़ौती के तालाबों और झीलों में आने वाले प्रवासी विदेशी पक्षियों की संख्या पर पड़ा है। जो आंकड़े अब तक सामने आए हैं उसके अनुसार पिछले वर्ष दिसम्बर-जनवरी के मुकाबले इस वर्ष अब तक करीब 25 प्रतिशत कम प्रवासी पक्षी ही हाड़ौती में पहुंचे हैं।

जानकारों व पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि इस इलाके में हर साल यूरोप व चीन समेत मध्य एशियाई देशों से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी नवम्बर के दूसरे सप्ताह से आना शुरू कर देते हैं और फरवरी मध्य तक डेरा डाले रहते हैं लेकिन इस बार दिसम्बर में भी तापमापी पारा पन्द्रह डिग्री के आसपास होने के कारण मौसम इन प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल नहीं हो पाया है जिसके चलते उनकी संख्या में काफी कमी देखी जा रही है। आम तौर पर दिसम्बर अंत तक हाड़ौती में पारा गिरकर पांच डिग्री से भी कम हो जाता है जो इन पक्षियों के लिए काफी मुफीद होता है लेकिन इस बार तापमान में अपेक्षित गिरावट नही हुई है।

हाड़ौती के अभेड़ा,सोरसण, सीमलिया, सावन-भादो बांध व कुछ अन्य तालाबों व छोटी झीलों में हर वर्ष विदेशी पक्षियों की करीब 25 विभिन्न प्रजातियां देखने के मिलती हैं लेकिन पक्षी विशेषज्ञों को अब तक यहां इस बार पांच से सात प्रजातियां ही नजर आ रही हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि वातावरण में हो रहे बदलाव का असर अब इन पक्षियों के आगमन पर भी देखा जा रहा है और यही कारण है कि आम तौर पर सामान्य सारस की प्रजाति वाले पक्षी भी अभी इस इलाके में नहीं दिख रहे जबकि वे दिसम्बर के पहले सप्ताह में ही पहुंचने लगते हैं। पक्षी प्रेमियों को भी प्रवासी पक्षियों की कमी अखर रही है और वे उम्मीद लगाए हुए हैं कि पारा गिरने पर शायद वे कुछ और प्रजातियों के पक्षी यहां के तालाबों में देख सकेंगे।

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