‘ट्रस्ट बिलिंग’ व्यवस्था लागू नहीं करने पर बिजली कंपनियों को फटकार
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Uttar Pradesh.लखनऊ, 21 मार्च = नियामक आयोग ने उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताआें को मीटर रीडर और बिलिंग बाबू के झंझट से आजादी दिलाने की कवायद तेज़ कर दी है। इसके तहत ‘ट्रस्ट बिलिंग’ व्यवस्था को अब बिजली कम्पनियों को लागू करना होगा। दस माह पूर्व यह व्यवस्था लागू कराने के दिए गए आदेश को तवज्जो नहीं देने पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के विरोध के चलते आयोग ने बिजली कंपनियों को फटकार लगाई है।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि प्रदेश में एक करोड़ 85 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं। वर्तमान में एक बिल पर लगभग 9 से 10 रूपये का खर्च आता है। ‘ट्रस्ट बिलिंग’ व्यवस्था लागू होने से घर पर मीटर रीडर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ‘ट्रस्ट बिलिंग’ व्यवस्था के तहत मीटर रीडिंग विभाग को भेजना शुरू कर देंगे। जिससे आने वाले समय में इस मद में होने वाला करोड़ों का खर्च रूकेगा। इसका लाभ सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को बिजली की दर में मिलेगा।
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वर्मा के मुताबिक, आयोग द्वारा बनाये गए इस कानून को 10 माह बीत जाने के बाद भी प्रदेश की बिजली कम्पनियों ने नहीं लागू किया है। जिसका लाभ उपभोक्ताओं को दिलाने के लिए परिषद ने बीते 15 मार्च उपभोक्ता दिवस के दिन नियामक आयोग व सदस्य से मिलकर जनहित प्रत्यावेदन दाखिल किया था। नियामक आयोग अध्यक्ष देश दीपक वर्मा व सदस्य एसके अग्रवाल ने आज इस व्यवस्था को लागू कराने का बिजली कम्पनियों को आदेश दिया है। इसमें हीलाहवाली पर सख्त कार्यवाही की हिदायत भी दी है।