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टू जी-कोयला घोटाला : अपने ही पूर्व प्रमुख के खिलाफ जांच करेगी सीबीआई !

नई दिल्ली, 23 जनवरी =  सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के पूर्व प्रमुख रंजीत सिन्हा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है । रंजीत सिन्हा पर अपने पद का दुरुपयोग कर कोयला घोटाले के आरोपियों के पक्ष में काम करने का आरोप है । जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हमें ऐसा लगता है कि रंजीत सिन्हा ने अपने पद का दुरुपयोग किया है । कोर्ट ने सीबीआई निदेशक को निर्देश दिया कि इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन करें और जांच में केंद्रीय सतर्कता आयोग को भरोसे में लेकर काम करें । सीबीआई

के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर एमएल शर्मा के पैनल ने रंजीत सिन्हा को कोयला घोटाले की जांच को प्रभावित करने का का दोषी पाया है ।
कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को निर्देश दिया कि वे एसआईटी के गठन के बारे में बताएं और ये भी बताएं कि इस जांच को पूरा करने में कितना समय लगेगा । आपको बता दें कि कॉमन कॉज नामक एनजीओ की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने रंजीत सिन्हा की टू-जी और कोयला घोटाले के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की है । जब रंजीत सिन्हा सीबीआई डायरेक्टर थे उसी समय सुप्रीम कोर्ट ने 22 नवंबर, 2014 को टू-जी घोटाले की जांच से अलग कर दिया था ।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर एमएल शर्मा के नेतृत्व में एक पैनल ने पिछले साल 11 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी जिसमें प्रथम दृष्टया रंजीत सिन्हा को जांच प्रभावित करने का आरोपी माना था । लेकिन कोर्ट ने उस समय इस रिपोर्ट पर फैसला सुरक्षित रख दिया था । इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट किसी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई का आदेश नहीं दे सकती है । इस तरह के फैसले का कोई उदाहरण नहीं है । लेकिन वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि एमएल शर्मा के नेतृत्व वाले पैनल ने इस बात के पर्याप्त से ज्यादा साक्ष्य दिए हैं कि रंजीत सिन्हा ने रिश्वत ली ।

रंजीत सिन्हा पर आरोप है कि उन्होंने कोयला घोटाले में जुड़े आरोपियों को बचाने और जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया । वे आरोपियों से मिलते-जुलते थे जो उनके घर के विजिटर्स रजिस्टर में दर्ज है । प्रशांत भूषण ने वो रजिस्टर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जिसके बाद जांच में तेजी आयी । एमएल शर्मा के नेतृत्व वाले पैनल ने भी विजिटर्स रजिस्टर को सही बताया था ।

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