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टूटी पटरियों पर दौड़ रही ट्रेनों के चलते हो रहे हादसे

कानपुर देहात, 28 दिसम्बर =  37 दिन पहले पटना-इंदौर एक्सप्रेस दुर्घटना ग्रस्त हुई थी, जिसमें 150 मुसाफिरों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। उस हादसे के घाव अभी भरे भी नहीं थे कि बुधवार की सुबह करीब 5.25 पर अजमेर सियालदह एक्सप्रेस रूरा के पास एकाएक हादसे का शिकार हो गई, इससे ट्रेन में सफर कर रहे 70 से ज्यादा मुसाफिर घायल हो गए। हादसे के कारण की जो वजह सामने आ रही है, उसके मुताबिक ट्रैक फ्रैक्चर होना व ट्रेन के पहियों में तकनीकी खराबी मुख्य कारण है।

लहराकर ट्रैक से उतरे 14 डिब्बे एक्सप्रेस पर अपने घर अजमेर जा रहे राजेश ने बताया कि सुबह के करीब 5: 25 मिनट पर ट्रेन एकाएक लहराई और जोर से आवाज आने के बाद कई बोगियों पटरियों से उतर गईं। इस दौरान कई यात्री बुरी तरह से घायल हो गए। 15 मिनट के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्होंने बोगियों में फंसे मुसाफिरों को बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया। ट्रेन हादसे में कई दर्जन यात्री घायल हुए हैं। जिन्हें इलाज के लिए माती के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जबकि सात की हालत गंभीर होने पर उन्हें कानपुर के हैलट में रेफर कर दिया गया है।

सात बजे के पास पहुंचा प्रशासनिक अमला

हैलट में घायल यात्री के साथ आए उसके परिजन मनोज ने बताया कि गांववालों ने नहर में गिरी बोगियों से यात्रियों को निकालते रहे। हमने रेल मंत्री के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को घटना की जानकारी दी, लेकिन तीन घंटे बाद वह मौके पर पहुंचे। मनोज ने बताया कि ट्रेन के पहियों से जोरदार आवाज निकली और कुछ सेकेंड में बोगियां बेपटरी हो गईं। रूरा के स्टेशन मास्टर महेश कुमार ने बताया कि ट्रेन में कासन न होने के चलते वह तेज रफ्तार से निकल गई। मौके से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक हादसा स्थल के पास पटरियां चटकी पाई गई, इसी के चलते ट्रेन के 14 डिब्बे पटरियों से उतर गए।

सात घायल यात्री हैलट में एडमिट

माती अस्पताल से सात घायल यात्रियों को इलाज के लिए कानपुर के हैलट अस्पताल में लाया गया, जहां तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। सभी घायलों को आईसीयू में रखा गया है। हैलट के सीएमएस आर.सी. गुप्ता ने बताया कि माती अस्पताल से अभी और घायल यात्री यहां लाए जाएंगे। हैलट प्रशासन ने युद्ध स्तर पर पूरी तैयारी कर ली है। यहां से एम्बुलेंस भेजी गई हैं। हम पल-पल पर नजर बनाए हुए हैं। बोगियों का पटरी से उतरना जांच का विषय रूरा स्टेशन के पास ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरना गंभीर विषय है। पुखरायां में भी इसी तरह का हादसा देखने को मिला था। उसमें भी गाड़ी के बीच के डिब्बे ही पटरी से डिरेल हुए थे। बार-बार ट्रेनों के बीच के ही डिब्बों का पटरी से डिरेल होना गंभीर है और यह जांच का विषय है।

क्या कहा रेलवे एडीआरएम ने

रेलवे एडीआरएम अनिल द्विवेदी ने कहा कि शुरुआती जांच के आधार पर मीडिया को बताया की आखिर बार-बार बीच के ही डिब्बों का पटरी से उतराना विभाग के लिए चुनौती है। आखिर हादसा क्यों और किन कारणों से हुआ यह जांच का विषय है?

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