जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर चिन्तामणि पार्श्वनाथ की जयंती पर निकली शोभायात्रा
वाराणसी, 24 दिसम्बर= जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर श्री 1008 चिन्तामणि पार्श्वनाथ की 2893वीं जयंती (जन्म कल्याणक)पर शनिवार की सुबह भव्य शोभायात्रा निकली।
श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में ग्वालदास साहू लेन जैन पंचायती मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा सोराकुआं ठठेरी बाजार होते हुए चौक पहुंची। चौक थाने के समीप भगवान के विग्रह को रजत पालकी से निकालकर केशरिया वस्त्र पहने इन्द्रों ने रजत रथ के कमल सिंहासन पर विराजमान कराया गया। इसके बाद समाज के लोगों ने भगवान की आरती उतारी और फिर राजशाही शोभायात्रा निकाली। गज रथ शोभायात्रा में भगवान के जीवन और मोक्ष से जुड़ी झांकियां भी सजाई गई। पूरे रास्ते शोभायात्रा पर लोग फूल बरसाते रहे| इस दौरान आधा दर्जन बैंड पार्टियां भक्ति धुन बिखेर कर माहौल में रस घोल रही थीं।
रथयात्रा बांसफाटक, गोदौलिया, जंगमबाड़ी, मदनपुरा, सोनारपुरा होते हुए भेलूपुर जैन मंदिर में पहुंचकर समाप्त हुई। यहां रजत पालकी सवार भगवान के विग्रह को मंदिर में विराजमान कर आरती उतारी गई। इसके बाद जन्म पर बधाई गीत ‘मेरा आली आज बधाई गाइंया, ढ़ोलक ताल मजीरा बाजे ,नौबत शहनाइयां’ गायी गई। फिर भगवान के विग्रह को मंदिर के रजत पांडुक शिला में विराजमान कर 108 रजत कलशों से मस्तकाभिषेक एवं विशेष पूजन किया गया।