नई दिल्ली, 23 अगस्त (हि.स.)। डीडीसीए मामले में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के क्रास एग्जामिनेशन के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी द्वारा जेटली को क्रूक (Crook) कहे जाने के खिलाफ अरुण जेटली द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान आज हाईकोर्ट से अरुण जेटली ने कहा कि केजरीवाल ने ये गलत हलफनामा दिया कि उन्होंने राम जेठमलानी को जेटली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए नहीं कहा था। जेटली ने गलत हलफनामा दाखिल करने पर केजरीवाल के खिलाफ अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। जेटली ने कहा कि राम जेठमलानी ने उन्हें एक पत्र लिखा जिसमें कहा गया है कि केजरीवाल ने मेरे खिलाफ आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने केजरीवाल से इस पर जवाब मांगा।
पिछले 26 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी द्वारा जेटली को क्रूक (Crook) कहे जाने को अमर्यादित बताया था। हाईकोर्ट ने केजरीवाल के नए वकील से इस बात का हलफनामा लिया था कि वे अरुण जेटली के खिलाफ कोई अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं करेंगे।
इससे पहले केजरीवाल ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि उन्होंने अपने वकील रामजेठमलानी से जेटली पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए नहीं कहा था। उन्होंने जेठमलानी को पत्र लिखकर कहा था कि वे अपनी बात को वापस ले लें जिसमें उन्होंने जेटली पर आपत्तिजनक टिप्पणी को अपने मुवक्किल द्वारा आदेश दिए जाने की बात कही थी।
पिछले 18 जुलाई को इस मामले में सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने हाईकोर्ट से जवाब देने के लिए समय की मांग की। पिछले 23 मई को जेटली की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविन्द केजरीवाल को नोटिस जारी किया था। जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ दस करोड़ की मानहानि का केस दायर किया है।
पिछले 17 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में जेटली के क्रास एग्जामिनेशन के दौरान राम जेठमलानी ने केजरीवाल के खिलाफ क्रूक शब्द काम इस्तेमाल किया था जिसके बाद कोर्ट में दोनों पक्षों में काफी कहासुनी हुई थी। हाईकोर्ट ने भी इस पर एतराज जताते हुए केजरीवाल को समन किया था और ये पूछा था कि क्या आपके निर्देश पर जेठमलानी ने जेटली को क्रूक कहा था।