देहरादून, 30 अक्टूबर (हि.स.)। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा सरकार पर तानशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के निर्वाचित प्रतिनिधियों, सहकारी संस्था के अध्यक्षों व कार्यकर्ताओं के खिलाफ सुनियोजित तरीके से सरकार षड्यंत्र रच रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि वर्तमान सरकार सत्ता की आड़ में राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर कार्य कर रही है। जिस प्रकार से सहकारिता विभाग में सरकार के द्वारा जांच के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है। यह वाकई में राजनीति से प्रेरित लग रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार कांग्रेस के चुने हुए प्रतिनिधियों को गलत तरीके से हटकार अपने लोगों को बैठाना चाह रही है। हाल ही में धारचूला सहित अन्य जगहों पर सरकार के कारनामें देखने को मिले हैं। अब यह सरकार सहकारिता को भंग कर कांग्रेस के बनाए गए अध्यक्षों को हटाने का कुचक्र रच रही है ताकि वे अपने लोगों को इस पर आसीन कर मनमानी करें।
सिंह ने कहा कि सत्ता पाने के लिए भाजपा अपने घोषणा पत्र में किसानों को मदद की बात कही थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद सब कुछ भूल गई। यहां तक की मुख्यमंत्री जी भी किसानों के ऋण माफ करने की बात को नकार दिए हैं जो पार्टी सत्ता सुख में अपने वायदें को भूल गई उससे राज्य हित में क्या उम्मीद रखना है, ऐसे में इस सरकार से लोगों का विश्वास खत्म होता जा रहा है।
सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड सहकारी समिति की कुछ माह पहले ही सरकार जांच कराई, लेकिन जांच में कुछ भी गड़बड़ी नही मिली। फिर भी वाहन निलामी व शेयर का मुदृा बनाकर बोर्ड को भंग करने को लेकर नया पैतरा चल रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से देहरादून में भाकपा कार्यालय पर भाजपा विधायकों द्वारा हमला किया वह लोकतंत्र के लिए बेहद घातक है। इसी प्रकार भाजपा के लोग प्रदेश में अन्य पार्टी के लोगों को निशाना बना रहे है जो ठीक नही है। इसके लिए कांग्रेस सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी।
उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ लिमटेड के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने पत्रकारों को बताया कि वर्तमान सरकार भेदभाव के तहत कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्री अपने खास लोगों को पद पर बैठाने को लेकर तरह-तरह के जांच के नाम पर नौटंकी कर रहे है। उन्होंने मंत्री पर आरोप लगाते हुए हुए कहा कि जिस अधिकारी पर चार-चार जिलों में जांच चल रही है, उन्हें एमडी के पद पर बैठाकर भ्रष्ट्राचार रोकने की बात की जा रही है। ऐसे में मंत्री लोगों के उम्मीदों पर कैसे खरा उतरेंगे। उन्होंने बताया कि सहकारी बैंक के निदेशक के बेटे, रिश्तेदार सहकारी संस्थाओं में नियमों के दर किनार कर नौकरी कर रहे हैं। फिर भी वे निदेशक बने हुए है क्योंकि सरकार का उन पर हाथ है।
उन्होंने सहाकारित मंत्री को सीधे-सीधे चुनौती देते हुए कहा कि अपने गृह जिले में 137 में 40 बंद पड़े संस्था को चालू कर मंत्री जी इच्छ शक्ति को जागृत करें। जिससे पूरे प्रदेश में एक अच्छा संदेश जाएग नकी भ्रष्ट्रचार को बढ़ावा देने से। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ इस प्रकार के निर्णयों के खिलाफ स्रप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेगी। प्रेस वार्ता में पूर्व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शार्मा, कांग्रेस प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी, गरिमा दौसानी, राज्य सहाकरी बैंक के उपाध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह, भेषज के अध्यक्ष राजेश शर्मा आदि लोग मौजूद रहे।