जम्मू : इर्द के मौके पर भी घाटी में हिंसक झड़प
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में ईद के मुबारक मौके पर भी हिंसा और पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं हैं. इन घटनाओं में दो सीआरपीएफ जवानों और कई लोगों के घायल होने की खबर है. श्रीनगर की हनफिया और अहले हदीस ईदगाह में नमाज़ के बाद लोगों ने नारेबाज़ी और प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर पथराव किया. श्रीनगर के अलावा पुलवामा, कुलगाम, शोपियां, बारामुला और अनन्तनाग में भी छिटपुट हिंसा की खबर है. कश्मीर के अनंतनाग की जंगलातमंडी में 400 से 500 कट्टरपंथियों ने सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया और पत्थरबाजी की. पुलवामा में नकाबपोश कट्टरपंथियों ने हिज्बुल आतंकी ज़ाकिर मूसा के समर्थन में नारे लगाए.
उधर, सोपोर में नमाज़ पढ़ने के बाद ईदगाह से मुख्य चौराहे की और कूच कर रहे लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाज़ी की. इसके बाद उग्र भीड़ पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पैलेट गन का इस्तेमाल किया. इस घटना में करीब 13 लोग घायल हो गए. कई जगहों पर सीआरपीएफ के कैंप पर पत्थर फेंके गए, लेकिन सुरक्षाबलों ने संयम से काम लिया.
कश्मीर में अलगाववादी नेताओं की शह पर कई स्थानों पर बुरहान वानी समेत कई आतंकियों के पोस्टर भी लगाए गए हैं. आतंकी बुरहान वानी पिछले साल 8 जुलाई को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. इसके अलावा सैयद सलाहुद्दीन और हाल ही में मारे गए सब्ज़ार बट के फोटो भी नज़र आ रहे हैं. ईद से ठीक पहले अलगाववादी नेता यासिन मलिक को श्रीनगर में नजरबंद कर लिया है. जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के इस नेता को मैसुमा इलाके स्थित उसके घर में रखा गया है.
हाल ही में कश्मीर के नौहटा में नमाज के दौरान डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित की कट्टरपंथियों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. वे मस्जिद के बाहर अपनी ड्यूटी कर रहे थे. इसके बाद सरकार ने पुलिस अफसरों और जवानों को सलाह ज़ारी की है कि वे सार्वजनिक मस्ज़िदों, ईदगाह आदि में नमाज़ पढ़ने न जाएं, सिर्फ जिला पुलिस लाइनों में स्थित मस्जिदों में ही नमाज़ पढ़ें.