पटना, सनाउल हक़ चंचल-
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सांसद शरद यादव पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि वे शरद यादव के किसी बात पर कोई कमेंट नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने अपने सिद्धांत को छोड़ दिया है. लोकतंत्र में लोकलाज को भुलाकर जो परिवारवाद के पिछलग्गू बन जाये वे सिद्धांत की बात नहीं कर सकते हैं. जो लोग जेपी, लोहिया, कर्पूरी के बताये रास्ते पर नहीं चल रहे हैं वे समाजवादी नहीं हो सकते हैं. साझी विरासत की बात करते हैं, लेकिन वंशवाद, परिवारवाद ही उनकी साझी विरासत है.
वे वंशवाद,परिवारवाद और भष्टाचार का साथ दे रहे हैं, जो समाजवाद सिद्धांत के खिलाफ है. वे रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं. अकारण किसी पर छिंटाकसी ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग दो बार उनके दावे को खारिज कर चुका है, फिर भी वे दावा कर रहे हैं. पार्टी के सांसद, विधायक, पदाधिकारी, राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों का शपथ पत्र चुनाव आयोग को दे दिया गया है.
आरसीपी का भी हमला
फर्जी डाटा पेश कर रहे हैं शरद यादव
पटना : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सांसद आरसीपी सिंह ने शरद यादव गुट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक को अवैध करार दिया है. सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर श्री सिंह ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय परिषद में 194 सदस्य हैं, जिसमें शरद यादव व अली अनवर भी हैं, जबकि शरद यादव ने 500 सदस्यों के शामिल होने का दावा किया है.
उन्होंने कहा कि वे अपनी राज्यसभा की सदस्यता बचाने के लिए फर्जी डाटा पेश कर रहे हैं. उनकी बैठक जदयू के संविधान से परे हैं. उन्होंने कहा कि शरद यादव 2013-2015 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. 2016 तक पार्टी का चुनाव हुआ, जिसमें शरद यादव ने ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा था.