नई दिल्ली, 08 जनवरी= राष्ट्रीय मनावाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने छत्तीसगढ़ के पुलिसकर्मियों को शुरुआती तौर पर 16 महिलाओं से बलात्कार और हिंसा मामले का दोषी पाया है| इस संबंध में राज्य सरकार को नोटिस भेजा गया है। नोटिस में आयोग ने पूछा है कि क्यों नहीं पीड़ितों को अंतरिम राहत देते हुए 37 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए।
आयोग ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि अभी वह 20 अन्य पीड़िताओं के रिकार्ड किए गए बयानों का इंतजार कर रहा है। आयोग ने एक अंग्रेजी दैनिक में छपे समाचार का स्वत: संज्ञान लेते हुए एक जांच टीम भेजी थी जिसकी शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस भेजा गया है। बयान में आयोग ने कहा कि “इन घटनाओं की अधिकतर पीड़ित महिलाएं आदिवासी हैं। हालांकि, किसी भी मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम लागू नहीं किया गया। इसी वजह से पीड़िताओं को एक्ट के तहत आने वाली आर्थिक राहत प्रदान नहीं की गई।”
एनएचआरसी ने शुरुआती तौर पर पाया कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पेगदापल्ली, चिन्नागेलुर, पेद्दागेलुर, गुंडम और बर्गीचेरू गांवों में तैनात राज्य पुलिसकर्मियों ने 16 महिलाओं के साथ बलात्कार और शारीरिक रूप से हिंसा की गयी थी। आयोग ने अपने मुख्य सचिव के माध्यम से राज्य सरकार को आर्थिक मदद के तहत बलात्कार पीड़ित आठ महिलाओं को तीन-तीन लाख रुपये और यौन हमले की पीड़ित महिलाओं को दो-दो लाख रुपये और शारीरिक हमले की दो पीड़िताओं के लिए 50-50 हजार रुपये देने की सिफारिश की है।