चेतन चीता ने दी मौत को मात , एम्स से हुए डिस्चार्ज
नई दिल्ली, 05 अप्रैल = बांदीपुरा मुठभेड़ में आतंकियों की गोली से घायल सेन्ट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के कमांडेट चेतन चीता की हालत में लगातार हो रहे सुधार को देखते हुए बुधवार को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया।
एम्स प्रवक्ता डॉ अमित गुप्ता ने कहा, ‘‘हम बेहद खुश हैं कि चेतन चीता ने जिदगीं की जंग जीत ली है। चीता की हालत में हफ्ते दर हफ्ते हुए सुधार के कारण आज वे स्वस्थ हो पाएं हैं। चेतन चीता की रिकवरी की सबसे बड़ी वजह उनकी इच्छाशक्ति है, तभी नौ गोलियां लगने के बाद भी वह ठीक हैं। चेतन चीता ने जिस वीरता के साथ युद्ध के मैदान में दुश्मनों का सामना किया और जीत हासिल की, उससे ज्यादा वीरता से वे एम्स में मौत से जंग लड़े और यहां भी वे ही जीते।”
एम्स की तरफ से जारी किये गये मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि चेतन चीता की दांई आंख में लगी गम्भीर चोट के कारण वे शायद उस आंख से अब कुछ देख न सकें लेकिन उनकी बांईं आंख पूरी तरह से ठीक और सामान्य है ।
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एम्स प्रवक्ता डॉ अमित गुप्ता ने कहा कि इस पूरी जिम्मेवारी को निभाने वाले डॉक्टर सुबोध और उनकी टीम को भी मैं बधाई देना चाहता हूं । उन्होने बेहतर से बेहतर तरीके से चेतन चीता को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया और इस मिशन को आखिरकार अंजाम तक पहुंचाया । साथ ही चीता के घर वाले भी बड़ी बहादुरी से डटे रहे। खासतौर पर उनकी पत्नी। अभी वे अपने घर जा सकते हैं लेकिन समय-समय पर उन्हें चेकअप के लिए एम्स बुलाया जाएगा। अभी उनको कुछ दिनों तक व्हील चेयर पर रहना होगा लेकिन हमको आशा है कि वे चिकित्सीय प्रक्रिया में पूरी तरह स्वस्थ हो जायेंगे।
गौरतलब है कि बांदीपुरा में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हो गए थे और एक आतंकी मारा गया था। राजस्थान के रहने वाले चीता हज्जन इलाके में दो विदेशी आतंकियों की छिपे होने की सूचना पर मौके पर पहुंचे थे जहां सेना, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के संयुक्त दल ने घेराबंदी कर रखी थी। उस मुठभेड़ में कमांडिंग अफसर चीता को कई गोलियां लगीं थी और उनकी हड्डियां भी टूटीं लेकिन इस बहादुर अधिकरी ने इस बुरे वक्त को भी हरा दिया ।