चुनाव आयोग ने की आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश
नई दिल्ली, 19 जनवरी (हि.स.)। आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों के ‘लाभ के पद’ से जुड़े मुद्दे पर चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से इन सभी की सदस्यता रद्द किए जाने की सिफारिश की है।
आप विधायकों को ‘लाभ के पद’ पर रहने का दोषी मानते हुए चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को शुक्रवार को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली सरकार ने असंवैधानिक तौर पर इन विधायकों को अपने अलग-अलग मंत्रालयों में संसदीय सचिव बनाया था।
मामले में 9 जून 2016 को कांग्रेस ने आप के 21 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की थी। हालांकि आप विधायक जरनैल सिंह के इस्तीफा देने के चलते संख्या 20 रह गई थी।
आप के विधायकों को हटाये जाने की सिफारिश से अब यह अर्थ निकलता है कि विधानसभा की 20 सीटें जल्द ही खाली हो जाएंगी और दिल्ली में फिर एक बार चुनावी महौल बन जाएगा।
संविधान के मुताबिक ‘लाभ के पद’ का अर्थ है किसी सांसद या विधायक का ऐसे किसी सरकारी पद पर होना जहां से उसको आर्थिक व अन्य प्रकार के लाभ जैसे ऑफिस, कार इत्यादि मिलें। इस व्याख्या के दायरे में आने का मतलब है विधायक या सांसद का अयोग्य ठहराया जाना।