नई दिल्ली, 17 जनवरी = दिल्ली विधानसभा के बुधवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है।
सत्र के दौरान जहां सत्ता पक्ष जहां निगम के कार्य को लेकर आलोचना करेंगे वहीं विपक्ष निगम को चौथे वित्त आयोग के तहत अधिक फंड देने की मांग रखेगा। एक ओर आप के ज्यादातर नेताओं की चुनावी व्यस्तता को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
वहीं दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर हवाला के आरोप तथा आयकर विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस जैसे मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष, विपक्ष पर कड़ा हमला करेगा।
सूत्रों की मानें तो आप सरकार के विधायक निगम के कार्यो को लेकर सवाल उठायेंगे और साथ ही विधायक फंड से काम न करवाने पर भी प्रश्न पूछने की तैयारी कर ली है। हालांकि सत्ता पक्ष पंजाब और गोवा में होने वाले चुनाव को देखते हुए दिल्ली में जनहित में किए गए कार्यो व अन्य मुद्दों को उठाकर लाभ लेने का प्रयास कर सकती है।
वहीं, भाजपा ने विधानसभा सत्र को कई भागों में बांटकर बुलाने का विरोध किया है। उसका कहना है कि विधानसभा का नया सत्र बुलाने के बजाय चौथे सत्र का ही विस्तार देना उपराज्यपाल का अपमान है। सरकार ऐसा कर विपक्ष का आवाज दबाना चाहती है। दिल्ली और दिल्लीवासियों की तरफ उनका ध्यान नहीं है। भाजपा विधायक चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं करना, रैन बसेरों की बदहाली, अनधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्य नहीं होना, लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू नहीं करने तथा नर्सरी दाखिला में अभिभावकों को परेशानी जैसे मुददे उठायेंगे ।