बीजिंग, 16 अक्टूबर (हि.स.)। चीन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) 18 अक्टूबर से अपनी 19वीं नेशनल कांग्रेस का आयोजन करने जा रही है। यह बैठक हर 5 साल बाद होती है। इसमें पार्टी और देश को नया नेता मिलता है। शी जिनपिंग का एक बार फिर राष्ट्रपति बनना लगभग तय है। यह जानकारी सोमवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
इस बार सीपीसी की बैठक अहम मानी जा रही है। कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी संविधान में संशोधन कर शी जिनपिंग के चार मूल विचारों को शामिल करेगी। अगर ऐसा होता है तो जिनपिंग माओ और देंग जियाओ पिंग जैसे नेताओं की श्रेणी में शामिल हो जाएंगे। चीन में अभी मार्क्सवाद -लेनिनवाद, ‘माओ थॉट’और देंग जियाओ पिंग के सिद्धान्तों का अनुसरण किया जाता है।
बैठक में शी जिनपिंग को माओ और देंग जियाओ जैसा दर्जा मिल भी सकता है, क्योंकि सीपीसी में उनके समर्थकों की संख्या काफी है। इसके अलावा चीन में इस बैठक से पहले 11 से 14 अक्टूबर तक सीपीसी की सेंट्रल कमेटी की बैठक हुई। इसमें जिनपिंग ने अपने कई करीबियों को पार्टी पदाधिकारी बनाया है।
सूत्रों के अनुसार, बुधवार को शुरू होने वाले सीपीसी के नेशनल कांग्रेस में शी जिनपिंग चीन की पहली पीढ़ी के नेताओं का अनुसरण करते हुए अपने चार मूल विचारों पर प्रकाश डालेंगे।
राजनीतिक और आर्थिक समालोचक रॉबर्ट कुह्न का कहना है कि शी के पहले कार्यकाल में उनके चार मूल विचारों को स्पष्ट किया गया और और दो रणनीतिक लक्ष्यों की प्राप्ति के सैद्धान्तिक आधार प्रदान किया गया।
शी का पहला लक्ष्य सीपीसी के सौ साल अर्थात 2021 से पहले चीन को मध्यम श्रेणी का समृद्ध समाज बनाना है और दूसरा लक्ष्य चीन को एक विकसित समाजवादी समाज में तब्दील करना है। इस लक्ष्य को साल 2049 से पहले पूरा करने की समय सीमा तय की गई है। विदित हो कि इस साल चीनी गणतंत्र के सौ वर्ष भी पूरे हो जाएंगे। इनके अलावा दो अन्य लक्ष्यों में कानून के अनुरूप राष्ट्र में शासन चलाना और कड़ाई के साथ कम्युनिस्ट पार्टी को चलाना शामिल है।
विदित हो कि जिनपिंग साल 2012 में सत्ता में आए थे। तब से उनका कद चीन में काफी बढ़ गया है। उनको ‘कोर लीडर ऑफ चाइना’ की उपाधि दी गई है। दुनिया के अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था जहां गत्यात्मक नहीं है, वहीं चीन की विकास दर करीब सात प्रतिशत है और अर्थव्यवस्था समृद्धता की ओर निरंतर बढ़ रही है।अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उसकी पूछ बढ़ी है और चीन दुनिया की दूसरी महाशक्ति बन गया है।
19वीं नेशनल कांग्रेस में शी जिनपिंग अगले 5 सालों के लिए चीनी नीतियों की दिशा और दशा को लेकर रिपोर्ट पेश करेंगे। उन्होंने 5 साल से भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चला रखा है। इस दौरान 10 लाख भ्रष्ट अधिकारियों परर कार्रवाई की गई है।
‘शी’ नाम से चीन में एक आंदोलन भी हुआ, जिससे जिनपिंग की लोकप्रियता काफी बढ़ी। अब लोग उन्हें प्यार से ‘शी दादा’ भी कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दक्षिण चीन सागर में विस्तार और वन बेल्ट वन रोड उनकी अहम कामयाबी रही है। उनकी अगुआई में चीन ने दुनिया के सामने खुद को वैकल्पिक महाशक्ति के रूप में पेश किया है।