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18 साल पुराने आर्म्स एक्ट मामले से बरी हुए सलमान खान.

नई दिल्ली ,18 जनवरी : बॉलीवुड के दबंग सलमान खान को काले हिरन को मारने को लेकर आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज 18 साल पुराने एक मामले में बरी कर दिया गया है. जोधपुर की अदालत ने ये फ़ैसला सुनाया है.

सलमान ख़ान मंगलवार शाम को ही अपनी बहन अलवीरा के साथ शहर जोधपुर शहर में पहुंच गए थे. सलमान खान ने फैसले के बाद खुशी जताते हुए अपनी बहन अलवीरा से हाथ मिलाया और कई फैंस को ऑटोग्राफ दिया. और खुसी खुसी कोर्ट परिसर से बाहर गए .

सलमान पर आरोप…

सलमान पर आरोप था कि 1998 में जोधपुर में फ़िल्म हम साथ-साथ हैंकी शूटिंग के दौरान सलमान ख़ान ने हिरन का शिकार किया था. तब सलमान के साथ फ़िल्म शूटिंग के लिए सैफ अली ख़ान, सोनाली बेंद्रे, नीलम और तब्बू भी थे. कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के तहत फ़ैसला सुनाया है. सलमान ख़ान पर शिकार के दौरान अवैध हथियार रखने का मामला था.

इन वर्षों में सलमान ख़ान ने दो चिंकारा और दो काले हिरन को मारने के मामले में कई मुक़दमों का सामना किया. 2007 में सलमान जोधपुर जेल में सात दिन रहे थे. बाद में उन्हें अदालत ने ज़मानत पर रिहा कर दिया था.

सलमान के वकील का कहना….

वही सलमान के वकील का कहना था कि इसके कोई सबूत नहीं हैं कि सलमान के पास बंदूक थी. सलमान का भी कहना है कि उन्हें फंसाया गया है. जिसके आधार पर आज जोधपुर कोर्ट उन्हें बरी कर दिया हैं .

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राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी…..

सलमान ख़ान को चिंकारा मारने के दो मामलों में राजस्थान हाई कोर्ट पहले ही बरी कर चुका है. हालांकि इस फ़ैसले को राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इससे पहले सलमान को निचली अदालत ने एक केस में एक साल और दो अन्य मामलों में पांच साल जेल की सज़ा सुनाई थी.

इस मामले में अन्य दो अभिनेताओं को भी 25 जनवरी को कोर्ट में हाजिर होकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है. पिछले साल मार्च में बॉम्बे हाई कोर्ट ने हिट-एंड-रन मामले में पांच साल की जेल की सज़ा को ख़ारिज करते हुए उन्हें दोषमुक्त कर दिया था.

निचली अदालत ने सलमान को सितंबर 2002 की रात में सड़क पर सो रहे बेघर लोगों को एसयूवी गाड़ी से कुचलने के मामले में दोषी ठहराया गया था. अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है.

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इन तारीखों ने हमेशा उड़ाई सलमान की नींद  !

15 अक्तूबर, 1998: वन विभाग ने सलमान ख़ान के ख़िलाफ़ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. वन विभाग ने कहा कि सलमान ने जिस हथियार का इस्तेमाल किया उसका लाइसेंस ख़त्म हो गया था. इस हथियार से एक और दो अक्तूबर की रात सलमान पर अवैध शिकार का आरोप लगा था.

18 दिसंबर, 2014: इस आर्म्स केस में सलमान ख़ान के उस आवेदन को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने डीएसपी और मुंबई के डीएम को आर्म्स केस में गवाह के तौर पर बुलाने की अनुमति मांगी थी.

25 फरवरी, 2015: कोर्ट ने फ़ैसले को टालते हुए चार लंबित आवेदनों को अभियोजन पक्ष से पेश करने का निर्देश दिया.

तीन मार्च, 2015: जोधपुर कोर्ट ने नए ग़वाहों, दस्तावेजों और सबूतों को पेश करने की अनुमति दी.

23 अप्रैल, 2015: मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट ने ख़ान के वकील के आवेदन को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर सलमान ख़ान के कोर्ट में पेश होने से छूट मांगी थी.

29 अप्रैल, 2015: राजस्थान हाई कोर्ट ने सलमान ख़ान को हिरन अवैध शिकार मामले में इस तर्क पर बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष आरोप को साबित करने में नाकाम रहा.

27 अक्तूबर, 2015: राजस्थान हाई कोर्ट ने सलमान ख़ान की उस याचिका को मंजूरी दे दी, जिसमें उन्होंने अपने ख़िलाफ़ आर्म्स एक्ट से जुड़े दस्तावेजों की मांग की थी.

11 नवंबर, 2016: राजस्थान की अपील पर सलमान ख़ान को चिंकारा शिकार मामले में बरी किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से नोटिस मिला.

9 दिसंबर, 2016: केस पर आख़िरी सुनवाई शुरू

18 जनवरी, 2016: जोधपुर अदालत ने सलमान ख़ान को बरी कर दिया.

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