चर्मकार महामंडल कर्ज घोटाले में फर्जी राशनकार्ड का हुआ उपयोग.
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मुंबई, 13 जनवरी = चर्मकार महामंडल कर्ज घोटाला मामले में संदिग्ध कर्जदार महिला जिजा वाघ के पास से फर्जी राशनकार्ड बरामद किए जाने की जानकारी सामने आई है। इस मामले में नासिक जिले की संगमनेर तहसील के तहसीलदार ने पुलिस के पास अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसकी पुष्टि जांच अधिकारी पुलिस निरीक्षक सतीश घोटेकर ने भी की है।
गौरतलब है कि सामाजिक न्याय विभाग के तहत कार्यरत संत रोहिदास चर्मकार महामंडल से स्वयंरोजगार के लिए संदिग्ध एजेंट राजेंद्र समशेर के माध्यम से 25 हजार रुपये का कर्ज संदिग्ध कर्जदार महिला जिजा वाघ ने लिया था। इसका खुलासा होने पर मामले की जांच की जिम्मेदारी संगमनेर के तहसीलदार को सौंपी गई। तहसीलदार की रिपोर्ट आने के बाद मामले की जांच का जिम्मा पुलिस अधिकारी घोटेकर को सौंपी गई। घोटेकर के अनुसार करारपत्र पर दिखाए गए व्यक्ति की जानकारी जुट़ाने का कार्य शुरू किया गया है।
जून 2010 में संदिग्ध महिला जिजा वाघ ने कर्ज के लिए जमानतदार के रूप में विठ्ल कचरे के नाम का फर्जी करारपत्र और राशनकार्ड का उपयोग किया था। वाघ ने कर्ज लेने के बाद उसकी कोई किश्त नहीं चुकाई। इसके बाद महामंडल के अधिकारी संगमनेर स्थित संबंधित जमानतदार की जमीन जब्त करने के लिए पहुंचे। इस पर जमानतकर्ता कचरे ने कोई करारपत्र नहीं देने की बात कही। तब इस मामले में मुंबईनाका पुलिस थाने में संदिग्ध सिडको परिसर के गणेश चौक निवासी जिजा संजय वाघ, पंचवटी परिसर के आरटीओ कार्नर निवासी राजेंद्र सोनू समशेर और रायगड़ चौक स्थित पवननगर निवासी विजय बालासाहेब चंद्रात्रेय के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और मामले की जांच होते ही कचरे का राशनकार्ड फर्जी होने की बात सामने आई, ऐसा संगमनेर तहसील कार्यालय ने भी स्पष्ट किया है।
इस मामले में संबंधित राशनकार्ड तहसील कार्यालय को नहीं दिया गया है, वहीं असल ऋण पुस्तिका, जो संदिग्धों के पास से मिली है, वह उनके पास कैसे पहुंची, इसकी जांच पड़ताल की जा रही है। पुलिस निरीक्षक घोटेकर ने बताया कि पुलिस फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति की तलाश कर रही है। अब तक 3 संदिग्धों की जानकारी मिल पाई है।