ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व कर रही महिलाओं के कामों से जुड़ी पुस्तक का विमोचन
नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को यहां ग्रामीण क्षेत्र में नेतृत्व कर रही महिलाओं पर किए अध्य्यन पर आधारित पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि जन आधारित नीतियां तैयार करने के लिए मेहनत से तैयार अनुभव आधारित शोध कार्य की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि पुस्तक में किया गया अध्ययन नीति निर्माण के कार्य में सहायक होगा।
डॉ. साधना पांडे की पुस्तक ‘स्थानीय स्वशासन में आधी आबादी’ का विमोचन करते हुए उपराष्ट्रपति ने महिला सरपंचों पर किए गए सेंपल सर्वे से जुड़ी बातें रखी। उन्होंने कहा कि ज्यादातर महिला सरपंच 26-36 आयु वर्ग की हैं जिनकी शादी हो चुकी है। मध्य आय वर्ग और एकाकी परिवार से जुड़ी इन महिलाओं में से ज्यादातर माध्यमिक स्तर तक शिक्षा हासिल की है।
उन्होंने अध्ययन के हवाले से बताया कि इन महिलाओं के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। कम आयु वर्ग की महिलायें विकास से जुड़े मुद्दों को महत्व देती हैं। ज्यादातर आधुनिकता की पक्षधर हैं पर अपने अतीत से जुड़े रहने पर विश्वास रखती हैं। वह रेडियो टीवी जागरुकता का माध्यम मानती हैं और यह भी मानती हैं कि महिलाओं को पुरुषों के सामान आगे बढ़ने का अधिकार है।