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गुलजार हुआ सागरद्वीप, गंगासागर स्नान के लिए लगा श्रद्धालुओं का रेला

सागरद्वीप,13 जनवरी (हि.स.)। सारे तीरथ बार-बार, गंगासागर एक बार। भारतीय जनमानस में रच-बस चुकी इस लोकोक्ति को साकार करने के लिए हर साल की तरह इस साल भी देश के विभिन्न भागों से श्रद्धालुओं का सैलाब गंगासागर में उमड़ने लगा है। परिणाम स्वरूप हिन्दुओं के महान तीर्थ स्थलों में शुमार किये जाने वाले दक्षिण 24 परगना जिले का सागरद्वीप एक बार फिर गुलजार हो उठा है। 

सागर की लहरों के साथ गंगा नदी के पवित्र संगम स्थल पर मकर संक्रांति के पावन मुहूर्त में स्नान की आकांक्षा लिए देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु मेला परिसर पहुंचने लगे हैं। यूं तो इस साल पुण्य स्नान का मुहूर्त 15 जनवरी की सुबह से दोपहर तक है लेकिन पुण्य स्नान का सिलसिला 14 जनवरी तड़के शुरू हो जाएगा। शनिवार दोपहर तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालु मेला परिसर में आ चुके हैं। समय गुजरने के साथ-साथ श्रद्धालुओं की तादाद में इजाफा होने की संभावना है। जिला प्रशासन की ओर से इस साल 20 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई गई है।

देश के विभिन्न भागों से कोलकाता पहुुंचने के बाद श्रद्धालु रेल, सड़क व जल मार्ग से गंगासागर रवाना हो रहे हैं। सियालदह व कोलकाता स्टेशनों से काकद्वीप व नामखाना तक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। दूसरी तरफ राज्य सरकार की ओर से गंगासागर के लिए एक हजार से अधिक बसें भी चलाई जा रही हैं। ये बसें कोलकाता के धर्मतल्ला व बाबूघाट से रवाना होकर श्रद्धालुओं को काकद्वीप पहुंचाती हैं| फिर वहां से लोग नदी पार कर सड़क मार्ग से मेला परिसर पहुंच रहे हैं। कुछ श्रद्धालु हावड़ा से लॉन्च (मोटरबोट) व स्टीमरों के जरिये जलमार्ग से गंगासागर का रुख कर रहे हैं। 

आम तौर पर यहां लोग मोक्ष प्राप्ति व पाप से मुक्ति पाने की अभिलाषा लेकर पहुंचते हैं। मोक्ष प्राप्ति के लिए गंगासागर में गोदान करने की पुरानी परम्परा रही है। शनिवार सुबह से ही यहां गोदान का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसके चलते यहां गायों की मांग भी बढ़ गई है। ऐसी मान्यता है कि जो यहां पर गाय दान करते हैं वे पाप और पुण्य के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं। मेला परिसर में एक ही गाय को कई बार खरीदा व बेचा जा रहा है। 

मेले में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कोलकाता के बाबूघाट से लेकर कचुबेड़िया और मेला प्रांगण में कुल 500 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। इसके लिए छह ड्रोन को काम पर लगाया गया है।
पिछले सालों की तुलना में इस साल सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। मेला प्रांगण के चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखी जा रही है। यहां चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है। किसी भी तरह की समस्या का निपटारा तुरंत करने की कोशिश हो रही है। दूसरी ओर मूड़ी गंगा को पार करने के लिए जीपीएस पद्धति का प्रयोग किया जा रहा है। कौन-सा पोत कहां है, कंट्रोल रूम से इसकी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

मेला प्रांगण में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। पुण्य स्नान के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के मौके पर आपदा प्रबंधन, नौवाहिनी और सेना के कर्मी वहां गश्त लगा रहे हैं। परिसर की सुरक्षा के लिए 3000 पुलिसकर्मियों तथा 2000 होमगार्डों की तैनाती की गई है। करीब सौ एनजीओ के कार्यकर्ता भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला परिसर में मौजूद हैं। मेला प्रांगण में जेलखाना, थाना, स्वास्थ्य केन्द्र, मीसिंग पर्सन स्क्वॉयड, फायर ब्रिगेड, टेलीफोन बूथ आदि सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। मेला प्रांगण की निगरानी के लिए सात ड्रोन हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं। 

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