लंदन (ईएमएस)। फिजूल की गप्पें मारने के लिए महिलाएं बदनाम हैं, लेकिन हाल ही में इजरायली शोधकर्ताओं ने अपने एक अध्ययन में दावा किया है कि गप्पें मारने में पुरुष महिलाओं से पीछे नहीं होते। ऑफिस में गॉसिप करने में पुरुष भी महिलाओं से कम नहीं होते हैं। एरियल यूनिवर्सिटी में हुए शोध में विशेषज्ञों ने कहा कि ऑफिस में किसी की निजी बातें चटखारे ले कर सुनने-सुनाने में पुरुष पीछे नहीं रहते। इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए शोधकर्ताओं ने 2200 लोगों का साक्षात्कार किया।
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि पुरुष महिलाओं की तुलना में अधिक गप्पी होते हैं। इसके साथ ही किसी से बातचीत के दौरान अधिक सकारात्मक थीं। इसके विपरीत विपरीत अपने प्रतिद्वंद्वी के लिए पुरुषों में नकारात्मकता का भाव अधिक था। प्रमुख शोधकर्ता लिबी पर्व्स ने कहा कि कई बार पुरुषों की चर्चाओं में किसी के प्रति नकारात्मकता का भाव नहीं था। इनके विपरीत महिलाएं कई बार सकारात्मकता दिखाते हुए किसी का खूब उपहास उड़ाती हैं।
लिबी कहती हैं कि उनके अनुभव के मुताबिक उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाएं स्कूल जाने वाली बच्ची की आयु से काफी आगे निकल आती हैं। यही वजह है कि वे इस तरह ही बहसों का हिस्सा नहीं बनना चाहती हैं। पांच हजार लोगों पर किए गए एक अन्य शोध में में पाया गया कि पुरुष पूरे दिन में 76 मिनट का समय गप्पें मारने में बरबाद करते हैं।