पटना, सनाउल हक़ चंचल-
वस्तु एवं सेवाकर नेटवर्क (जीएसटीएन) की कठिनाईयां शीघ्र दूर होंगी. रिटर्न दाखिल करने के फार्म को और सरल किया जाएगा. विलंब शुल्क को समाप्त कर दिया गया है. जुलाई, अगस्त और सितम्बर तक का जमा किया गया विलंब शुल्क वापस किया जाएगा. यह भरोसा बुधवार को उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतों से रूबरू होने के बाद व्यापारी और उद्यमियों के संगठन प्रतिनिधियों को दिया.
सुशील मोदी पुराने सचिवालय के मुख्य सभाकक्ष में राज्य के सभी जिलों के 2-2 व्यापारिक व उद्यमी संगठनों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों की 3 घंटे तक चली बैठक को संबोधित कर रहे थे. कहा कि आने वाले दिनों में कम्पोजिट स्कीम में शामिल व्यापारियों के टर्नओवर की सीमा डेढ़ करोड़ तक की जा सकती है. सैद्धांतिक रूप से इस पर सहमति बनी है. निबंधन में संशोधन के लिए कोर और नॉन कोर क्षेत्र में सुविधा प्रारंभ कर दी गई है.
दिनदहाड़े बैंक लुटने आये बदमाशो ने बैंक कर्मचारी को मारी गोली , हालत गंभीर
उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने के पहले महीने बिहार के 1 लाख 85 हजार करदाताओं में से 1 लाख 35 हजार यानी 72 प्रतिशत ने रिटर्न दाखिल किया जबकि अगस्त में 55 और सितम्बर में मात्र 41 प्रतिशत ही रिटर्न दाखिल कर पाए थे. जीएसटी-2 ऑफलाइन वर्जन के अन्तर्गत करदाता बगैर इंटरनेट कनेक्टिविटी के जीएसटीआर-2 का मिलान कर सकते हैं एवं उसे स्वीकार, अस्वीकार या संशोधन के बाद इंटरनेट उपलब्ध होने पर अपलोड कर सकते हैं.
बताया कि कम्पाउंडिंग स्कीम के करदाताओं को कर देने के लिए विकल्प की सुविधा अगले 31 मार्च तक दी गई है. 1.5 करोड़ तक एडवांस रिसीट पर बिक्री के समय ही कर देना पड़ेगा. अगले साल 31 मार्च तक रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को स्थगित कर दिया गया है. 20 लाख तक के सेवा प्रदाता को अन्तर राज्य कर योग्य सर्विस के बावजूद निबंधन की जरूरत नहीं होगी.
जीएसटी दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है जिसके अन्तर्गत एक घंटे में एक लाख तो एक दिन में 12 लाख तक रिटर्न दाखिल हुआ है. 37 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों व केंद्र की वैट प्रणाली को जीएसटी के अन्तर्गत एक जगह समेकित किया गया है. जीएसटी काउंसिल करदाताओं को हर संभव राहत देने के लिए प्रयासरत है.