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खुलासा : मोबाइल, लैपटॉप ने छीनी भारतीयों की नींद

नई दिल्ली (ईएमएस)। तकनीक से बढ़ते लगाव के कारण भारतीय अच्छी नींद नहीं ले पा रहे हैं। फिलिप्स के ग्लोबल सर्वे के अनुसार 32 फीसदी भारतीयों ने कहा कि तकनीक के आधुनिक उपकरणों, मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर की वजह से वह गहरी नींद में नहीं सो पाते, जबकि 19 फीसदी लोग अपने काम के घंटे बढ़ने को नींद में मुख्य रूप से रुकावट मानते हैं। सर्वे में बताया गया है कि 66 फीसदी भारतीय यह महसूस करते है कि नींद से ज्यादा एक्सर्साइज उन्हें फिट रख सकती है। सर्वे के अनुसार 45 फीसदी भारतीय अच्छी नींद के लिए मेडिटेशन को अपनाते हैं, जबकि 24 फीसदी भारतीय विशेष ढंग से सोने का विकल्प पसंद करते है। विश्व स्तर पर अनिद्रा ने 26 फीसदी लोगों को प्रभावित किया है, जबकि खर्राटों ने 21 फीसदी को जगाए रखा। मन में चिंता (58 फीसदी) और टेक्नॉलजी की ओर से फैलाई गई गड़बड़ियों से अच्छी नींद में बाधा पड़ती है। अच्छी नींद के लिए 36 फीसदी लोग म्यूजिक सुनना पसंद करते हैं। इसके अलावा 32 फीसदी लोग जागने या सोने का शेड्यूल फॉलो करते हैं।

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इस सर्वे में 13 देशों के 15 हजार वयस्कों को शामिल किया गया था। इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड, फ्रांस, भारत और चीन समेत अन्य देश शामिल थे। अच्छी नींद न आने से ग्लोबल स्तर पर 46 फीसदी लोग थकावट महसूस करते हैं, 41 फीसदी भारतीय चिड़चिड़ा बर्ताव करते हैं, 39 फीसदी लोगों में मोटिवेशन की कमी होती है और 39 फीसदी लोगों का ध्यान एकाग्र नहीं हो पाता। सर्वे के अनुसार अच्छी नींद लेना अच्छी सेहत के लिए बेहद आवश्यक है। विश्व स्तर पर 10 करोड़ लोग अच्छी नींद न आने की बीमारी से पीड़ित हैं। इसमें से 80 फीसदी लोगों ने अपनी इस बीमारी का इलाज नहीं कराया है, जबकि 30 फीसदी लोगों को नींद काफी मुश्किल से आती है।

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