नई दिल्ली (ईएमएस)। इलाहाबाद स्थित क्षेत्रीय कैंसर इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों द्वारा एक सर्वे किया गया था। इस सर्वेक्षण के अनुसार गंगा नदी के किनारे फसलों में छिडके जाने वाले कीटनाशकों से गंगा का पानी प्रदूषित हुआ है।
गंगा के पानी में मैगनीज, मरकरी, कैडमियम और आरसेनिक जैसे रसायनों के बढ़ने से गंगा के किनारे रहने वाले लोगों में तेजी से गाल ब्लैडर का कैंसर हो रहा है।
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रीजनल कैंसर इंस्टिट्यूट के वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ राधा को उसके अनुसार संस्थान में विगत 5 वर्षों से इलाज के लिए जो मरीज पहुंच रहे है। उसमें हर तीसरा मरीज गालब्लेडर का मरीज है। इंस्टीट्यूट के अनुसार वाराणसी और पटना के आसपास के मरीज बड़ी संख्या में इलाज के लिए पहुंच रहे है।