नई दिल्ली, 15 अप्रैल (हि.स.)। हिन्दी भाषा को कक्षा एक से कक्षा आठ तक अनिवार्य करने के लिए दिशानिर्देश देने की मांग करनेवाली एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है । बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने ये याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायपालिकाओं और लोकसेवा के सदस्य जिन्होंने अपनी शिक्षा केवल क्षेत्रीय भाषाओं में पूरी की है और जो न हिन्दी बोल सकते हैं और न पढ़ सकते हैं, जब उनका तबादला दूसरे राज्यों में होता है तो वे बड़े असहज महसूस करते हैं । उन्हें दूसरे राज्य के आम आदमी से बात करने में बड़ी परेशानी होती है क्योंकि वे दूसरे राज्य की भाषा नहीं जानते हैं । याचिका में कहा गया है कि अगर कक्षा एक से कक्षा आठ तक हिन्दी भाषा को अनिवार्य कर दिया जाए तो इस समस्या से निपटने में मदद मिलेगी । अगर कक्षा एक से कक्षा आठ तक हिन्दी भाषा को अनिवार्य बना दिया जाएगा तो देश के नागरिकों को आपस में बात करने परेशानी नहीं होगी । इससे भाईचारा, एकता और राष्ट्रीय अखंडता को बढ़ावा मिलेगा ।
याचिका में कहा गया है कि संविधान का निर्माण करते समय इसे लागू करने के 15 साल तक अंग्रेजी ही कार्यपालिका, न्यायपालिका और न्यायिक कार्यों में इस्तेमाल की जाएगी । लेकिन ये आज तक इस्तेमाल हो रही है । याचिका में कहा गया है हिन्दी दुनिया की पांच सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा है । भारत को हिन्दुस्तान के रूप में जाना जाता है और यहां के अधिकतर लोग हिन्दी बोलते हैं । इस भाषा को आजादी के पहले भी संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था ।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वो संविधान की धारा 343, 344, 348, और 351 के तहत हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए दिशानिर्देश जारी करे।