क्रांति धरा पर मायावती को सुनने उमड़ा नीला सैलाब
मेरठ, 18 सितम्बर : लोकसभा चुनाव 2014 और 2017 के विधानसभा चुनावों में अपनी सियासी ताकत खोने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती फिर से ताकत पाने को मेरठ से चुनावी शंखनाद करेंगी। मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल की इस चुनावी रैली की पृष्ठभूमि में 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए सियासी माहौल तैयार करना है। आने वाले निकाय चुनावों को लेकर भी मायावती अपने वोटरों को संदेश देंगी। रैली शुरू होने से पहले ही मैदान में नीला सैलाब उमड़ने लगा।
सोमवार को एनएच-58 बाइपास स्थित वेदव्यास पुरी में हो रही बसपा की शंखनाद रैली में भाग लेने के लिए सुबह से ही लोगों का तांता लग गया। मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल की इस चुनावी रैली में करीब एक लाख लोगों के जुटने का अनुमान है। जबकि बसपा नेताओं के दावे के तो बहुत ज्यादा संख्या के हैं। अपनी प्रिय नेता को सुनने के लिए नीले रंग से सराबोर वाहनों का तांता लगना शुरू हो गया। बसों, कार, ट्रैक्टर-ट्रोलियों में भी लोग आने शुरू हो गए। वाहनों को पूरी तरह से बसपा के नीले रंग में रंग दिया गया था। चारों ओर माहौल नीला ही नीला हो गया।
इस चुनावी रैली में जहां मायावती की मंशा 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में अपनी ताकत को फिर से इकट्ठा करना है तो कार्यकर्ता भी अपनी नेता को मजबूत करने की छटपटाहट में जुटते जा रहे थे। सहारनपुर से आए किशन सिंह का कहना है कि इस बार बहनजी को प्रधानमंत्री बनाकर ही रहेंगे। पुरानी चूक से सबक लिया जाएगा।
बसपा की इस चुनावी रैली में मायावती वेस्ट यूपी के विभिन्न जिलों में दलितों के साथ हुई हिंसा की घटनाओं को उभारेगी। सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव के लोगों को रैली में लाने के लिए विशेष बस लगाई गई है। गौरतलब है कि शब्बीरपुर हिंसा के विरोध में ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा दिया था। इस कांड को विशेष तौर पर रैली में उठाया जाएगा। इस रैली के जरिए दलित-मुस्लिम के बिगड़े समीकरण को भी फिर से बनाने की जुगत लगाई जा रही है। रैली में मुस्लिम समुदाय के लोग भी दिखाई दे रहे हैं।