कोर्ट के आदेश का अध्ययन के बाद निकालेंगे रास्ता, ओबीसी आरक्षण पर बोले मंत्री नवाब मलिक
मुंबई : सुप्रीम कोर्ट के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द करने के फैसले के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है. कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने कहा है कि हमारी सरकार कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद आगे का रास्ता निकालेगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओबीसी नेताओं ने आक्रामक रुख अख्तियार किया है. इसलिए राज्य सरकार ने ओबीसी को आरक्षण दिलाने के लिए अपनी पहल तेज कर दी है. मलिक ने कहा कि अदालत के आदेश का अध्ययन करने के बाद हम आवश्यक प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ेंगे. शीर्ष अदालत ने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है. हालांकि, मलिक ने कहा कि वह इस विचार से सहमत हैं कि चाहे राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार हो या राकां की, ओबीसी को अन्य आरक्षणों के साथ राजनीतिक आरक्षण अवश्य मिलना चाहिए.
ओबीसी की जनगणना होनी चाहिए
मलिक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ओबीसी की जनगणना एक आयोग का गठन करके की जानी चाहिए. यदि यह जनगणना हो जाती है तो देश, राज्य और जिले में संख्या ज्ञात की जा सकती है और आगे निर्णय लिया जा सकता है. मलिक ने कहा कि लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि महाराष्ट्र, मंडल आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद ओबीसी आरक्षण लागू करने वाला पहला राज्य बना था. उन्होंने कहा कि यह फैसला राकां के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने ही लिया था.