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कैराना में बढ़ा याराना: सपा, बसपा, कांग्रेस, रालोद और आप साथ-साथ

लखनऊ (ईएमएस)। कर्नाटक में सरकार बनाने में नाकाम रहने वाली भाजपा के लिए अब उत्तर प्रदेश का कैराना लोकसभा उपचुनाव नाक की लड़ाई बन गया है। यहां जीतना न सिर्फ बीजेपी के लिए अहम है, बल्कि बड़ी चुनौती भी है, क्योंकि कैराना लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी एक तरफ और तो उसे टक्कर देने के लिए सारी पार्टियां संयुक्त रूप से दूसरी ओर हैं। यानी कैराना में विपक्षी पार्टियों का याराना बढ़ गया है। अब दिल्ली की आप ने भी सपा-बसपा-रालोद समर्थित उम्मीदवार के समर्थन का एलान कर दिया है। इससे पहले कांग्रेस भी कह चुकी है कि वह अपने प्रत्याशी को कैराना के मैदान में नहीं उतारेगी और सपा-रालोद-बसपा समर्थित उम्मीदवार को समर्थन देगी। यानी कैराना में अब बीजेपी चारों तरफ से घिर चुकी है। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने नफरत की राजनीति को हवा देने वाली सांप्रदायिक शक्तियों को परास्त करने के लिए यह फैसला किया है।

अत: उन्होंने पार्टी के स्थानीय काडर से कहा है कि वे कैराना में सपा-रालोद-बसपा गठबंधन समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में खुलकर काम करें। वहीं, कांग्रेस पहले ही इस बात की पुष्टी कर चुकी है कि इस उपचुनाव में वह भी महागठबंधन के साझा उम्मीदवार को अपना समर्थन देगी, ताकि कैराना में बीजेपी को हराया जा सके। 28 मई को होने वाले कैराना लोकसभा उपचुनाव में संयुक्त विपक्ष के पूर्ण समर्थन से रालोद की प्रत्याशी तबस्सुम बेगम मैदान में हैं। वहां बीजेपी के मुकाबले में सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन है। मगर अब कांग्रेस और आप ने अपना समर्थन देकर बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। बता दें कि बीजेपी के सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है।

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