केजरीवाल सरकार अच्छी होती तो इसके आधे मंत्री ‘घर’ नहीं जातेः अन्ना हजारे
नई दिल्ली, 5 दिसंबर (हि.स.)। आज मंगलवार को कोपरनिक्स मार्ग स्थित महाराष्ट्र सदन में आयोजित पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार अगर पाक साफ होती तो इसके आधे से अधिक मंत्री ‘घर’ नहीं जाते। घर का मतलब साफ करते हुए अन्ना ने कहा कि उनके मंत्री फर्जी प्रमाण-पत्र रखने के आरोप में जेल गए। कई मंत्रियों पर कई तरह पर अन्य तरह के आरोप लगे।
अन्ना हजारे ने इस दौरान यह भी कहा कि शहीद सैनिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली राशि को 10 हजार रुपए सीमित करने का मामला काफी गंभीर है क्योंकि बच्चे देश के भविष्य हैं। साथ ही शहीद सैनिक जो देश के लिए सीमा पर अपनी जान न्यौछावर कर देते हैं, उनके बच्चे तो पालकों (सरकारों) के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। अगर केंद्र सरकार ने ऐसा कुछ किया है तो वह निंदनीय है।
उल्लेखनीय है कि अन्ना हजारे ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पिछले एक दिसंबर को एक पत्र लिखकर लोकपाल की नियुक्ति व किसानों की समस्या के समाधान को लेकर एक पत्र लिखा था। लेकिन पत्र का जवाब नहीं मिलने पर अन्ना ने केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की बात की है। इसी आंदोलन की रूपरेखा से लोगों को अवगत करवाने के लिए वे उक्त पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
अन्ना ने इस दौरान कहा कि केंद्र की मोदी सरकार देश के किसानों के लिए न कुछ बोलती है और न ही कुछ करती है। इस सरकार को उद्योगपतियों की तो फिक्र है लेकिन यह किसानों के हित में नहीं सोचती। इसने वित्त विधेयक-2017 को धन विधेयक के रूप में पेश करवाकर राजनीतिक दलों को उद्योगपतियों की ओर से दिए जाने वाले चंदे की सीमा को समाप्त कर दिया है लेकिन यह किसानों के मदद के बारे में नहीं सोचती।
अन्ना ने कहा कि अगर उद्योगपति राजनीतिक दलों को दान दे सकते हैं तो वह किसानों को दान क्यों नहीं दे सकते| केंद्र सरकार इसके लिए कानून क्यों नहीं बनाती।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अन्ना ने कहा कि पिछले 22 सालों में लगभग 12 लाख किसानों ने आत्महत्या की है लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार भी इस समस्या के प्रति संजीदा नहीं दिखाई देती। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस मामले में गंभीर होती तो वह किसानों को कर्ज से उबारने की कोशिश करती। कहने के लिए तो नरेन्द्र मोदी अपने को देश का प्रधान सेवक कहते हैं लेकिन देश के गरीब किसानों पर उन्हें दया नहीं आती।
अन्ना ने कहा कि उन्होंने देश में लोकपाल की नियुक्ति व किसानों के मुद्दे पर आगामी मार्च में देश स्तर पर आंदोलन छेड़ने का मन बना लिया है।