कृषि फसल ऋण को लेकर किसानों ने किया एनडीसीसी बैंक में आंदोलन
मुंबई, 13 अप्रैल (हिं.स.)। पुराना कृषि फसल ऋण जमा करने वाले किसानों को तुरंत ऋण देने की मांग को लेकर किसानों ने नाशिक जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के प्रशासकीय कार्यालय में आंदोलन किया।
बैंक के चेयरमैन नरेंद्र दराडे समेत अन्य संचालकों ने आंदोलनकर्ताओं को शांत करते हुए बैंक की समस्याओं के बारे में जानकारी दी, लेकिन आंदोलनकर्ताओं ने उनकी एक न सुनी। आखिराकर चेयरमैन दराडे ने 24 अप्रैल तक संबंधित किसानों को ऋण आपूर्ति करने का आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि बहुतेक किसानों ने पूर्व में लिए हुए कृषि फसल ऋण को बैंक में जमा करवा दिया है और वे नए कृषि फसल ऋण की मांग कर रहे हैं। ऐसे किसानों ने नाशिक जिला विविध विकास सेवा सहकारी सोसायटी संगठन के बैनर तले नाशिक जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के प्रशासकीय कार्यालय में आंदोलन करके अपनी मांगों को मनवाने का प्रयास किया और मांगे न मानी जाने पर 25 अप्रैल से पुन: आंदोलन करने की चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि नोट बंदी के दौरान एनडीसीसी बैंक के संचालक मंडल ने पुराने नोटों को जमा करवाने में हेराफेरी की थी। इस तरह के कई मामले सामने आने के बाद सरकार ने बैंक के कारोबार की जांच शुरू कर दी है। परिणामस्वरूप आरबीआई ने एनडीसीसी बैंक के 371 करोड़ रुपए बदल कर देने से मना कर दिया है।
इस बीच एनडीसीसी बैंक ने 60 हजार किसानों के खाते सील कर दिए। इस पूरे मामले से ऋण वापस करने वाले किसानों को दोबारा ऋण नहीं दिया जा रहा है, इससे किसान परेशान हो गए हैं। अपनी मांगों की ओर सरकार और बैंक प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए सैकड़ों किसानों ने नाशिक जिला विविध विकास सेवा सहकारी सोसायटी संगठन के बैनर तले नाशिक जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के प्रशासकीय कार्यालय में आंदोलन किया। बैंक के चेयरमैन नरेंद्र दराडे समेत अन्य संचालकों ने आंदोलन की जानकारी मिलने के बाद कार्यालय पहुंचकर आंदोलनकर्ताओं को शांत कराते हुए बैंक की समस्याओं के बारे में जानकारी दी, लेकिन आंदोलनकर्ताओं ने उनकी एक नहीं सुनी।
आखिरकार चेयरमैन दराडे ने 24 अप्रैल तक संबंधित किसानों को ऋण आपूर्ति करने का आश्वासन दिया है। ऐसा नहीं होने पर किसानों ने 25 अप्रैल को उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। आंदोलन में विष्णुपंत गायखे, राजू देसले, सुरेश रायते, अशोक आडके, संपत वक्ते, ज्ञानेश्वर सालवे, शांताराम नागरे, किरण धात्रक, शशिकांत सालवे, केलास ताजनपुरे और नामदेव बोराडे सहित सैकडों किसानों ने हिस्सा लिया।