कुफरी में ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन आज, जुटेंगे सभी राज्यों के मंत्री
शिमला, 03 जुलाई (हि.स.)। सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन मंगलवार को राजधानी शिमला से सटे पर्यटन स्थल कुफरी में होने जा रहा है। होटल रॉयल ट्यूलिप में आयोजित इस एक दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह करेंगे। सम्मेलन का उद्घाटन सुबह 9:25 बजे से होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी इसमें शिरकत करेंगे।
यह पहला मौका है जब हिमाचल प्रदेश में इस तरह के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन को आयोजित किया जा रहा है। इसमें हिमाचल प्रदेश बीबीएमबी में अपनी हिस्सेदारी पर प्रमुखता से पक्ष रखेगा। इसके अलावा राज्य की जल विद्युत परियोजनाओं में गिर रहे उत्पादन के मसलों पर भी चर्चा होगी। इस सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के अलावा केंद्र सरकार के ऊर्जा सचिव, सभी राज्यों के ऊर्जा सचिव, केंद्रीय एवं राज्य सरकारों के विभिन्न सरकारी उपक्रम जिनमें एसजेवीएन, एनटीपीसी, एनएचपीसी के सीएमडी भी उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन में करीब 250 प्रतिभागी भाग लेंगे।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस एक दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य वर्तमान में जारी विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की समीक्षा करना एवं बिजली तथा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों से संबंधित कई सारे मुद्दों पर विचार-विमर्श करना है। उन्होंने कहा कि राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों के मंत्री एवं सचिव तथा बिजली तथा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी दिसम्बर तक 100 प्रतिशत घर विद्युतीकरण (सौभाग्य योजना के तहत), उदय प्रदर्शन मूल्यांकन, तीन वर्षों में प्रीपेड प्रणाली की तरफ परिवर्तन एवं 1 अप्रैल 2019 से सभी के लिए 24 घंटे बिजली-जैसे मुद्दों पर मंथन करेंगे।
इसके अतिरिक्त, शिष्टमंडल बिजली नियमों, 2005 में कैप्टिव जेनरेटिंग प्लांट के प्रावधान में प्रस्तावित प्रारूप संशोधनों एवं कोयले के उपयोग में लचीलेपन पर भी चर्चा करेंगे। ई-व्हीकल जैसे पर्यावरण अनुकूल कदमों, राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों द्वारा ईसीबीसी के अनुपालन पर प्रगति की समीक्षा, ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एसडीए की स्थापना पर भी चर्चा की जाएगी।
प्रवक्ता के मुताबिक नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सम्मेलन में आरपीओ( क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ) के लक्ष्यों के अनुपालन, राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों द्वारा सौर एवं पवन क्षमता की बोली के लिए मासिक योजनाओं की तैयारी, सौर पार्कों एवं सौर रूफटॉप कार्यक्रम की समीक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।