बूंदी, 29 जनवरी (हि.स.)। बूंदी ब्रांच कैनाल में टेल क्षेत्र के किसानों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में नहरी पानी की मांग को लेकर मुर्गा बनकर प्रदर्शन किया। साथ ही सीएडी प्रशासन का पुतला भी जलाया। किसान इस दौरान अपने साथ छोटे-छोटे गैस सिलेंडर भी लेकर आये थे। उनका कहना था कि शासन और सरकार को हमारी पीड़ा नजर नहीं आ रही। इसलिए हम गैस सिलेंडर से रोशनी करके अपनी पीड़ा बताना चाहते हैं।
भाजपा नेता और पंचायत समिति सदस्य महेंद्र डोई के साथ आये किसानों ने कहा कि टेल क्षेत्र के गांव छापड़दा, हणोत्या, बीचड़ी, ख्यावदा, छावणी, भाटों का खेड़ा के खेतों में गेंहू, जौ, चने की फसल 90 दिन की हो चुकी है। उस फसल को मात्र एक ही पानी मिल पाया है। कृषि विशेषज्ञों की सलाह और फसल की आवश्यकता के अनुसार अब तक तीसरा पानी मिलना जरूरी है। समय पर पानी न मिलने से 50 फीसदी से अधिक फसलें खराब हो गई हैं। किसानों की मांग पर सांसद ओम बिरला, विधायक अशोक डोगरा, कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार ने सीएडी के अधिकारियों को निर्देशित किया था। लेकिन सीएडी के अधिकारियों ने पानी पहुंचाने संबंधी निर्देश को नजर अंदाज कर दिया। हेड पर बसे प्रभावशाली किसानों के दबाव में उन्होंने हेड के माइनर बंद नहीं किये। तीन साल से टेल क्षेत्र के किसानों की अनदेखी हो रही है और हर साल फसलों में खराबा हो रहा है।
पिछले साल जब फसलें खराब हुआ तो मुआवजा मांगने पर लीपापोती कर दी गई। महंगे खाद-बीज से बोई फसलें बर्बादी के कगार पर है। सीएडी प्रशासन ने किसानों को भूखे मरने की स्थिति में ला खड़ा किया है। हेड के माइनरों से कुरेल नदी में बेकार पानी बहाया जा रहा है और टेल के किसान पानी के लिए तरस रहे हैं। हमारी मांग है कि चैन संख्या 1244 पर 155 से 160 का गेज लेवल मेंटेन हो। चैन संख्या 1865 पर 80 से 85 का गेज लेवल रहे। दिन व रात में पेट्रोलिंग की समुचित व्यवस्था की जाये। जबरदस्ती बार-बार पानी खोलने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ मुस्तैदी से कार्रवाई हो।