नोएडा (ईएमएस)। जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण नीति तैयार कर ली गई है। उत्तर प्रदेश में पहली बार भूमि अधिग्रहण के बदले किसान परिवारों को मुआवजा राशि के साथ नौकरी भी दी जाएगी। अभी मुआवजे की दरों पर पेंच फंसा हुआ है, जिसके लिए किसानों के साथ बैठकों का दौर शुरू हो गया है। एयरपोर्ट के लिए पहले चरण में आठ गांवों की करीब 1,400 हेक्टेयर जमीन खरीदी जानी है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन के प्रस्तावों पर प्रदेश सरकार ने अधिग्रहण नीति तय कर ली है। एयरपोर्ट के लिए ली जा रही जमीन के बदले किसानों को मुआवजा मिलेगा। एयरपोर्ट का संचालन करने वाली सरकारी कंपनी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) में नौकरी भी उनको मिलेगी। हर उस किसान को नौकरी दी जाएगी, जिसके नाम पर दर्ज जमीन का अधिग्रहण होगा। अगर किसान की उम्र अधिक होगी तो उसके आश्रित बालिग पुत्र या पुत्री को नौकरी मिलेगी। इसके लिए किसान को अपना आश्रित नामित करना होगा। उधर, मुआवजे को लेकर किसान संगठन सक्रिय हो गए हैं। वह कई तरह की मांग रख रहे हैं। एक मांग यह है कि जमीन खरीदने वाले बाहरी लोगों को 60 प्रतिशत मुआवजा राशि दी जाए। बाकी 40 प्रतिशत मूल किसान को मिले। किसानों का कहना है कि कई गांवों में 50 प्रतिशत जमीन बाहरी लोगों ने खरीद रखी है। इन संगठनों ने यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह को ज्ञापन सौंपा है।