किसानों को आज कर्जमाफी की सौगात दे सकती हैं योगी सरकार !

Uttar Pradesh.लखनऊ, 04 अप्रैल = प्रदेश की नवगठित योगी आदित्यनाथ सरकार की मंगलवार को पहली कैबिनेट बैठक होने जा रही है। कहा जा रहा है कि शाम पांच बजे होने वाली इस बैठक में किसानों को कर्जमाफी की सौगात दी जा सकती है। इसके अलावा स्लॉटर हाउस स्थापना के लिए सख्त प्रावधान वाले नए कानून के मसौदे पर भी अहम निर्णय लिया जा सकता है। वहीं जनहित में संकल्प पत्र से जुड़े अन्य विषयों पर भी कैबिनेट में फैसला होने की सम्भावना है।
पहली कैबिनेट बैठक में यूं तो कई निर्णय लिए जायेंगे, लेकिन किसानों से लेकर सभी की निगाहें कर्जमाफी के फैसले पर टिकी हुई है। जिस तरह से प्रदेश सरकार के मंत्रियों के बयान आये हैं, उससे माना जा रहा है कि इस सम्बन्ध में जरूर अहम निर्णय लिया जायेगा। हालांकि कर्जमाफी के लिए सरकार क्या कदम उठायेगी, जिससे अन्नदाता लाभान्वित हो सकें, इस पर अभी खुलकर कुछ साफ नहीं हो सका है। वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि कैबिनेट बैठक में किसानों की कर्ज माफी का फैसला होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने संसाधनों से किसानों का कर्ज चुकाएगी।
इसके साथ ही प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने भी कहा है कि वादों को पूरा करने के लिए भाजपा सरकार संकल्पित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों ने पिछले कुछ सालों में बुरा वक्त देखा है। कैबिनेट के सामने हम प्रस्ताव रखेंगे। कैबिनेट के सुझाव से विकल्पों पर निर्णय लिया जायेगा।
ये भी पढ़े : अष्टमी पर देवी मन्दिरों में उमड़े भक्त, हवन-पूजन के साथ कराया कन्या भोज
प्रदेश में कुल दो करोड़ 33 लाख किसान हैं। इनमें से एक करोड़ 83 लाख सीमान्त और लगभग 20 लाख लघु किसान हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वादे के मुताबिक कर्जमाफी का फायदा सीमान्त और लघु किसानों को मिलेगा। किसानों पर करीब 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।
अहम बात है कि संसद में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली यह साफ कर चुके हैं कि अगर कोई राज्य सरकार चाहे तो किसानों के कर्ज माफ कर सकती है, लेकिन केन्द्र सरकार इसमें मदद नहीं करेगी। ऐसे में सभी की निगाहें लगी हुई हैं कि प्रदेश सरकार कैसे अपने बलबूते पर इतना बड़ा कदम उठायेगी।
प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने भी स्थिति साफ करते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार ने हमें सहायता देने से इन्कार कर दिया है। हम अपने संसाधनों से किसानों की मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कोई घोषणा पत्र नहीं बल्कि संकल्प पत्र जनता के सामने पेश किया था। हम केवला वादा नहीं करते, उसे पूरा करने में यकीन रखते हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी जनसभाओं में कहा था कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में किसानों की कर्जमाफी का ऐलान होना। प्रधानमंत्री ने कहा था वह स्वयं इस दिशा में पहल करेंगे।