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किनारा मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दिया झटका

नई दिल्ली, 11 जुलाई : सुप्रीम कोर्ट ने हाजी अली दरगाह के पास किनारा मस्जिद को न हटाने की महाराष्ट्र सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया। महाराष्ट्र सरकार के वकील निशांत कटनेश्वरकर ने कहा कि किनारा मस्जिद हटाए जाने से स्थिति खराब हो सकती है। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब किनारा मस्जिद को हटाने से हाजी अली ट्रस्ट या किसी और को कोई दिक्कत नहीं हो रही है तो राज्य सरकार इसमें इतनी रुचि क्यों दिखा रही है। 

आपको बता दें कि पिछले तीन जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो दो हफ्ते के भीतर हाजी अली दरगाह के चारों तरफ और दरगाह जाने वाली सड़कों पर से अतिक्रमण हटाए। कोर्ट ने कहा कि अगर उसके आदेश का पालन नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। कोर्ट ने दरगाह के आसपास 908 वर्गमीटर इलाके से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था।

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पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बीएमसी से कहा कि हाजी अली दरगाह का सौंदर्यीकरण होना ही चाहिए। मुंबई महानगरपालिका दरगाह ट्रस्ट के दिए सौंदर्यीकरण के प्लान को या तो मंजूर करे या संशोधन करे या खुद अपना प्लान बताए।

इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अतिक्रमण हटाना ही होगा। सुनवाई के दौरान ट्रस्ट ने कहा कि बांबे हाईकोर्ट 908 वर्ग मीटर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था जिसमें 171 वर्ग मीटर मस्जिद की जगह है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फिलहाल उसे रहने दें लेकिन बाकी अतिक्रमण हटाना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने हाजी अली दरगाह ट्रस्ट से कहा था कि वे बांबे हाईकोर्ट के फैसले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने ट्रस्ट की दलीलों को रिकॉर्ड में दर्ज करते हुए कहा कि बांबे हाईकोर्ट के फैसले को लागू करें।

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