काशी में समरसता व सद्भाव का मंत्र देंगे मोहन भागवत
लखनऊ, 31 जनवरी (हि.स.)। धर्म व अध्यात्म की नगरी काशी से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डा. मोहनराव भागवत देश को सामाजिक समरसता व सद्भाव का मंत्र देंगे। 15 फरवरी को वार्षिक प्रवास पर वह वाराणसी पहुंचेंगे। वे छह दिवसीय प्रवास पर काशी आ रहे हैं। इस दौरान वे पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के पदाधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करेंगे।
सरसंघचालक 21 फरवरी तक काशी में रहेंगे। जानकारी के मुताबिक सरसंघचालक का यह वार्षिक प्रवास का हिस्सा है। लेकिन संघ के इतिहास में पहली बार संघचालक गतिविधि प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। वह भी दिन तक कार्य में आने वाले कठिनाईयों पर चिंतन मंथन करेंगे। संघ की पांच गतिविधियों में सामाजिक समरसता, सामाजिक सद्भाव और धर्म जागरण समन्वय विभाग पर सरसंघचालक का ज्यादा फोकस रहेगा।
इस बीच वह संघ व समवैचारिक संगठनों से जुड़े विभिन्न दायित्वधारी कार्यकर्ताओं की बैठक में हिस्सा लेंगे और उनका मार्गदर्शन करेंगे। बैठक में चारों प्रान्तों के प्रान्तीय टोली के कार्यकर्ता और क्षेत्र में निवास करने वाले समस्त केन्द्रीय अधिकारी भी रहेंगे।
संघ सूत्रों की मानें तो क्षेत्रीय टोली के कार्यकर्ता 15 फरवरी को काशी पहुंचेंगे और 21 फरवरी तक रहेंगे। इसी तरह समस्त चारों प्रान्तीय टोली के कार्यकर्ता 15 से 20 फरवरी तक रहेंगे। क्षेत्रीय कार्यकारिणी के शेष सभी कार्यकर्ता 15 से 20 फरवरी तक रहेंगे। इसी क्रम में जिला व विभाग टोली के कार्यकर्ता 15 फरवरी को पहुंचेंगे और 18 फरवरी तक रहेंगे। 17 और 18 फरवरी को संघचालक जिला, विभाग, प्रान्त गतिविधि प्रमुख एवं सहयोगी तथा सामाजिक सद्भाव का काम देखने वाले कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे।
इस बैठक में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में निवास करने वाले विविध क्षेत्रों के केन्द्रीय एवं दो क्षेत्रों के अधिकारी, विविध क्षेत्रों के क्षेत्रीय अध्यक्ष तथा संगठन मंत्री अथवा महामंत्री संगठन के दायित्वधारी पदाधिकारियों की बैठक 20 फरवरी को रहेगी। इसी प्रकार विविध क्षेत्र के प्रान्तीय दायित्वधारी जिनमें जन संगठनों से दो-दो तथा अन्य संगठनों से एक-एक कार्यकर्ता भी रहेंगे। बैठक में ऐसे स्वयंसेवक कार्यकर्ता जो संगठनों में अध्यक्ष, महामंत्री या संगठन मंत्री हैं उनको ही बुलाया गया है।
काशी प्रान्त में सरसंघचालक का प्रवास है इसलिए काशी प्रान्त के प्रत्येक जिले से पांच-पांच सामाजिक कार्यों में सक्रिय दायित्वविहीन स्वयंसेवकों को भी बुलाया गया है। इन कार्यकर्ताओं के साथ सरसंघचालक 20 फरवरी को सायंकाल बैठेंगे।
उल्लेखनीय है कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक बैठक है। एक-एक वर्ष के अन्तराल पर एक वर्ष सरसंघचालक तो दूसरे वर्ष सरकार्यवाह क्षेत्र सह पदाधिकारियों की बैठक में हिस्सा लेते हैं और उनका मार्गदर्शन करते हैं। इस वर्ष पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की बैठक में सरसंघचालक डा. मोहनराव भागवत की बारी है।
इस प्रवास के दौरान सरसंघचालक डा. भागवत 18 फरवरी को डा. सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में हजारों पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों को सम्बोधित करेंगे। इसमें भाग लेने वाले स्वयंसेवकों का पंजीकरण किया जा रहा है। इसमें पंजीकृत स्वयंसेवक ही भाग ले सकेंगे।