नई दिल्ली (ईएमएस)। कावेरी जल विवाद को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री और बाकी मंत्री कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं इसकारण कावेरी को लेकर स्कीम अप्रूव नहीं हो सकती। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा आपको स्कीम तैयार करनी ही होगी। हमें चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार 8 मई तक हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा है कि स्कीम को लेकर क्या कदम उठाए हैं। वहीं, कर्नाटक सरकार को कहा है कि वहां तमिलनाडू को 4 टीएमसी पानी देने को तैयार रहे, वरना परिणाम भुगतने को तैयार रहे। अब इस मामले की अगली सुनवाई आठ मई को होगी।
केंद्र सरकार की ओर से एजी केके वेणुगोपाल ने कहा कि कावेरी को लेकर ड्राफ्ट स्कीम तैयार है और कैबिनेट के पास है। इससमय प्रधानमंत्री और बाकी मंत्री कर्नाटक में व्यस्त हैं। इसके लिए कुछ वक्त लगेगा लिहाजा दस दिन का वक्त दिया जाए। वहीं तमिलनाडु की ओर से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि केंद्र इस मामले में राजनीति कर रहा है क्योंकि कर्नाटक में चुनाव है। केंद्र कावेरी मुद्दे को घुमाने की कोशिश कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार ने बुधवार को कावेरी जल विवाद मामले में और दो हफ्ते का समय मांगा है। केंद्र सरकार का कहना है कि जल बंटवारे की योजना के लिए मसौदा तैयार करने के लिए समय चाहिए। इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट इस मामले में जल बंटवारे के फैसले को लागू करने के लिए योजना तैयार न करने पर केंद्र को फटकार लगाई थी। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को विवाद का हल निकालने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही कावेरी से तमिलनाडु को मिलने वाले 192 टीएमसी पानी को घटाकर 177.25 टीएमसी कर दिया गया था। दरअसल, जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल विवाद को निपटाने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह कावेरी नदी के पानी के मैनेमेंट के लिए कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड का गठन करें। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद भी केंद्र सरकार ने कावेरी मैनेजमेंट का बोर्ड का गठन नहीं किया। इसके लिए केंद्र सरकार को तमिलनाडु के लोगों का काफी विरोध झेलना पड़ रहा है।