कारगिल का ये योद्धा जूस की दुकान पर बर्तन धोने को था मजबूर , अब मिलेगी …….
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नई दिल्ली (15 सितंबर): मैं सैल्यूट करता हूं रक्षा मंत्री, डिफेंस पीआरओ और खासकर उन तमाम मीडिया वालों को, जिनकी बदौलत आज मुझे पूरी पेंशन का हक मिल सका है। बेहद भावुक मन से ये शब्द बोलते हुए करगिल योद्धा सतबीर की आंखें भर आईं। इतने सालों से पूरी पेंशन के लिए लड़ाई लड़ते आए, 10 हजार से ज्यादा पत्र लिखे। गौरतलब है कि इस लड़ाई में हरपाल राणा शुरू से साथ रहे। लेकिन उनके खाते में आधी ही पेंशन आती रही।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि इस दरम्यान आधी पेंशन कहां गई, किस लेवल पर गड़बड़ी थी? आखिरकार इसी हफ्ते डिफेंस की तरफ से उन्हें तीन लेटर मिले हैं, जिसमें शुरू से अब तक मंजूर पेंशन का ब्योरा, उनके अकाउंट में पहुंची आधी-अधूरी रकम की डिटेल के साथ लिखा है कि अगले महीने से पूरे 42 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। साथ में पिछले कुछ साल से आधी अधूरी पेंशन का 14 लाख रुपये एरियर भी उनके अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने की घोषणा की गई है।
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करगिल विजय दिवस से एक दिन पहले एनबीटी में रिटायर फौजी सतबीर सिंह की खबर छपने के बाद देश भर से उनके समर्थन में ढेरों प्रतिक्रयाएं आनी शुरू हो गईं थीं। रक्षा मंत्रालय (आर्मी हेडक्वॉर्टर) की तरफ से प्रवक्ता ने कहा है कि करगिल ऑपरेशन विजय के दौरान राइफलमैन सतबीर सिंह (रिटायर्ड) के बलिदान, साहस और बहादुरी से हमेशा भारतीय सेना गौरवान्वित है।
रिटायर्ड राइफलमैन सतबीर सिंह को 23 मई 2000 को फौज की सर्विस से छुट्टी दी गई थी। फौज में उनकी सर्विस उस दिन तक 13 वर्ष, 11 महीने और 15 दिन रही। उनके रिटायरमेंट पर उन्हें सभी मानदेय बकाया राशि का भुगतान किया जा चुका था। इनमें विकलांगता राशि 1,12,500, युद्ध के दौरान गंभीर चोट की पेंशन 3,770 हर महीने आजीवन, आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड 4,50,000 रुपये, 1 लाख रुपये बच्चों की शिक्षा के नैशनल डिफेंस फंड, आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड के 36,918 रुपये।