उत्तर प्रदेशखबरे

कानपुर रेल हादसा: यूपी एटीएस ने किया साजिशकर्ताओं का पर्दाफाश.

कानपुर, 18 जनवरी=  कानपुर के आसपास हो रहे रेल हादसे महज एक हादसा नहीं बल्कि सुनियोजित साजिश का हिस्सा थे। रेलवे की जांच रिपोर्ट कुछ भी कहे, लेकिन बिहार में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर कानपुर रेल हादसों के पीछे असल कारणों का पता आखिरकार लगा ही लिया है। बुधवार को बिहार पहुंची एटीएस टीम की तीनों साजिशकर्ताओं की रिमांड अर्जी स्वीकार कर ली गई है। जल्द ही इनसे पूरे नेटर्वक को पकड़कर आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया जा सकता है।

गौरतलब है कि इंदौर-पटना एक्सप्रेस का 20 नवंबर को कानपुर के पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास दुर्घटना ग्रस्त हो गई थी। हादसे में करीब 150 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस पूरे रैकेट के पीछे दुबई में बैठा एक शख्स है जो भारत में तबाही के लिए नेपाल के भाड़े के टट्टुओं का इस्तेमाल कर रहा है। जांच में उसका नाम शमसुल होदा बताया जाता है, जो पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ा हुआ है।

आपको बताते चलें कि एक अक्टूबर को बिहार के रक्सौल दरभंगा रेल लाइन पर एक बम बरामद हुआ था। पुलिस ने बम डिफ्यूज कर दिया। उसके बाद कानपुर में 20 नवंबर को रेल हादसा हुआ। इन हादसों से जुड़ी असली कहानी 25 दिसंबर से शुरू हुई, जब पूर्वी चंपारण के आदापुर इलाके से चाचा और भतीजा के अचानक गायब होने की सूचना पुलिस को मिली। पुलिस अभी उनकी खोजबीन कर ही रही थी कि उनके शव 28 दिसंबर को उसी इलाके में बरामद हो गए, पुलिस ने हत्या के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जिनके नाम मोती पासवान, उमाशंकर पटेल और मुकेश यादव हैं।

इन तीनों से पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तब इस कहानी में नया मोड़ आया। दरअसल इन चाचा-भतीजा ने ही घोडासहन में ट्रेन उड़ाने की सुपारी ली थी। सुपारी देने वाले का नाम है ब्रज किशोर गिरी जो नेपाल का निवासी है। नेपाल में भी ब्रजकिशोर के साथ दो अन्य आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं जिनके नाम हैं मुजाहिर अंसारी और शंभूगिरि है।

आगे पढ़े : आईएसआई के कहने पर हुआ कानपुर के पोखरैया में रेल हादसा !

बिहार के पूर्वी चंपारण के एसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि चाचा-भतीजा की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह अपने मिशन में फेल हो गए थे और ट्रेन के गुजरने के दौरान पटरी पर ब्लास्ट नहीं कर पाए। इस साजिश में कुल 10 आरोपी हैं जिनमें दो की हत्या हो चुकी है और छह को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीन को बिहार में और तीन को नेपाल में, दो आरोपी अभी भी फरार हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार मोती पासवान ने कबूला है कि कानपुर रेल दुर्घटना कराने की साजिश भी उनके द्वारा ही रची गई थी। इससे जुड़े कुछ अपराधियों को सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ा भी है जिनका जल्द खुलासा भी हो सकता है। पकड़़े गए साजिशकर्ताओं से पूछताछ करने पहुंची यूपी एटीएस की टीम को बुधवार को तीनों की रिमांड अर्जी को मंजूरी मिल गई है। रिमांड के दौरान इन सभी को पूछताछ के लिए यूपी लाया जा सकता है और रेल हादसों के साथ-साथ अन्य साजिशों को नाकाम करने में सफलता मिलने की बात सामने आ रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button
Close