कांवड़ियों की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई
नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.)। कांवड़ियों द्वारा हाल में की गई हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता जताई है। अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दंगे होने तथा ट्रैफिक जाम के लिए एसपी की जिम्मेवारी फिक्स होनी चाहिए। कांवड़िए गाड़ियों को उलट रहे हैं। कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। सुप्रीम कोर्ट को हर जिले के एसपी की जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।
अटार्नी जनरल ने कहा डीडीए ने यह कर दिया है जहां भी अवैध निर्माण होगा वहां का इंजीनियर जिम्मेदार होगा, वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बनारस से लेकर इलाहाबाद तक नेशनल हाईवे पांच घंटे तक बाधित रहा।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने 2009 में अपने एक फैसले में कहा है कि हर प्रदर्शन की वीडियोग्राफी की जाए और अगर वहां हिंसा होती है तो आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी हिंसा से निपटने के लिए वह कड़े दिशा-निर्देश जारी करेगी।
अटार्नी जनरल ने कहा कि पद्मावत फिल्म की रिलीज पर हिंसा होती है और पुलिस कुछ नहीं करती। एक समुदाय विशेष के लोग उस फिल्म की लीड एक्ट्रेस का नाक काटने की धमकी देता है। क्या कोई सभ्य देश इसे सहन करेगा। उस व्यक्ति को क्या सजा दी गई जिसने ये धमकी दी। हमें इसके लिए पुलिस को जिम्मेदार बनाना होगा ताकि वह तुरंत कदम उठा सकें।